
रिहायशी इलाकों में संचालित गैस गोदाम अग्नि सुरक्षा के भी नहीं हैं पर्याप्त इंतजाम,रिहायशी इलाकों में संचालित गैस गोदाम अग्नि सुरक्षा के भी नहीं हैं पर्याप्त इंतजाम
मंडला. हरदा में नियम विरूद्ध तरीके से चल रही पटाखा फैक्ट्री की घटना से जहां कई लोगों की जान चली गई वहीं इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही को भी उजागर कर दिया। जिले में भी कई पटाखा गोदामों को नियम विरूद्ध तरीके से संचालित होते पाए जाने पर असील कर दिया गया है। अब अन्य ज्वलनशील सामग्रियों के गोदाम शहर या शहर से लगे रिहायशी क्षेत्रों में होने की बातें सामने आ रही हैं।
गैस सिलेण्डर गोदामों के रिहायशी क्षेत्रों में संचालित होने की जानकारी सामने आ रही है। यहां भी कुछ उसी तरह की लापरवाही बरती जा रही है जिस तरह की लापरवाही पटाखा गोदामों के संचालन में पाई गई थी। खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार जिले में कुल 18 गैस एजेसियां संचालित हैं, इन सभी एजेन्सियों के अपने अलग से गोदाम हैं।
आसपास बने मकान
खाद्य आपूर्ति अधिकारी मनोज पुराविया का कहना है कि जितनी भी गैस एजेंसियां हैं उन सभी के गोदाम रिहायशी क्षेत्रों से बिल्कुल बाहर हैं। वहीं जानकारी अनुसार इन 18 गैस एजेन्सियों में कई एजेन्सी के गोदाम या तो रिहायशी क्षेत्रों में संचालित हैं, या फिर पूर्व में गोदामों के लिए अनुमति रिहायशी क्षेत्रों से बाहर के लिए दी गई थी समय के साथ अब उन गोदामों के आसपास बस्ती बस गई हैं। जानकारी अनुसार बम्हनी बंजर में स्थित गैस एजेन्सी के गोदाम सतबहनी में बनाया गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पूर्व में यह वीरान स्थान था लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां काफी निर्माण हो गए हैं। ग्राम पंचायत घुघरी में जो गैस गोदाम हैं वह भी रिहायशी क्षेत्र में है। इसी तरह ग्राम पंचायत बकौरी अंतर्गत गैस एजेन्सी का जो गोदाम भी पूर्व में रिहायशी क्षेत्र सें बिल्कुल बाहर था लेकिन अब यहां भी आसपास कई निर्माण हो गए हैं। ऐसी स्थिति में यदि कोई दुर्घटना होती है तो बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है। सवाल यह भी उठ रह जब गैस गोदाम पहले से बने हुए हैं तो फिर आसपास हो रहे निर्माण के लिए कैसे अनुमति दी जा रही है या फिर निर्माण से रोका क्यों नहीं जा रहा है, प्रशासन की यह लापरवाही बड़े हादसे का इंतजार कर रही है।
सुरक्षा की औपचारिकता
बहुत कम गैस गोदामों में ही आग से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं तो कहीं सुरक्षा इंतजामों के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं निभाई जा रही है। जिस तरह पिछले दिना पटाखा गोदामों की जांच में भी सुरक्षा के नाम पर औपचारिकताओं की बात स्वयं अधिकारी ने भी मानी थी। अधिकांश गैस गोदामों में अग्नि दुर्घटनाओं से बचने के लिए जरूरी सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिससे यदि कोई हादसा होता है तो इससे बड़ा नुकसान होगा। जानकारी अनुसार गैस गोदामों में भी अग्नि शमन यंत्र, बाल्टियों में पानी, पर्याप्त मात्रा में रेत, बालू आदि उपलब्ध होना चाहिए। इसी के साथ गोदाम तक फायर बिग्रेड को पहुंचने के लिए आसान पहुंच मार्ग भी होना जरूरी होता है ताकि जरूरत पड़ने पर शीघ्रता से फायर बिग्रेड वाहन मौके पर पहुंच सके। कई जगह गैस गोदाम से कुछ ही दूरी पर मिठाई की दुकान का चूल्हा जलता है, तो कहीं वेल्डिंग का काम होता है। गोदाम में अगर जगह नहीं होती है तो रोड पर ही ट्रक लगा कर सिलेंडर बांटा जाता है। नियम के अनुसार गैस का वितरण घर-घर जाकर होना चाहिए या फिर विपरीत परिस्थितियों में गोदाम से होना चाहिए, जिसका पालन गैस एजेंसियां कई बार नहीं करती हैं।
Published on:
09 Feb 2024 12:21 pm
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