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हर जनपद में बनेगी सरकारी गौशाला

निराश्रय गाय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय करेगा मनरेगा में काम

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हर जनपद में बनेगी सरकारी गौशाला

मंडला. सड़क पर घूमती बेसहारा गायों के लिए सरकार ने संजिदगी दिखाई है। अब सरकारी तौर पर जिले की हर जनपद पंचायत में एक-एक गौशाला का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए भू-स्थल का चयन एसडीएम व जनपद पंचायत के सीइओ को करना है। ये गौशाला पंचायत स्तर के किसी गांव में भी बनाई जा सकती है। निराश्रय गाय योजना पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय लाया है, जिसे मनरेगा के तहत साकार किया जाएगा। इसका संचालन स्थानीय स्तर पर किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी एसडीएम या जिला पंचायत सीइओ के माध्यम से ग्राम पंचायत सचिव व सरपंच को दी जाएगी।
जानकारी के अनुसार प्रत्येक गौशाला की क्षमता 100 गायों की रहेगी, जिसे 6 एकड़ जमीन पर तैयार किया जाएगा। इसमें 1 एकड़ का शेड पशुधन के लिए होगा, जबकि 5 एकड़ पर चरागाह बनाया जाएगा। पशुधन टीन शेड से तैयार किया जा सकता है, जबकि चरागाह खुला रहेगा। यहां गौशाला की गायों के लिए चारा उगाया जा सकता है, वहीं इसी भूमि पर एक कक्ष बनाकर उसमें सूखा चारा भी रखा जा सकता है। फिलहाल इसको मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है।
जिले के सभी संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र की रिपोर्ट तैयार कर जिला पंचायत सीईओ को सौंपने के लिए कहा गया है। इसमें भू-स्थल का चयन जरूरी है। यहां से सभी रिपोर्ट भोपाल भेजी जाएगी, जहां से बजट और डिजाइन मिलने की संभावना है। गौशाला पूर्ण सुविधायुक्त होगी, जहां उनके उपचार से लेकर खाने तक का इंतजाम रहेगा। इसमें संबंधित क्षेत्र की सामाजिक संस्था या प्रसिद्ध गोसेवक से भी सेवाएं ली जा सकती हैं।
हो सकता है समिति का निर्माण
ग्रामीण या नगरीय क्षेत्र में बनने वाली इस सरकारी गौशाला का पूरा खर्च भले ही सरकार वहन करेगी, लेकिन इसमें सहयोग के लिए स्थानीय स्तर पर सेवाभावियों की भी मदद ली जा सकेगी। पंचायत क्षेत्र के उन सभी सामाजिक संस्थाओंं व कार्यकर्ताओं को लेकर एक समिति का गठन किया जा सकता है, जो गोशाला संचालन में सेवाएं दे सकेंगे। प्राथमिक तौर पर इसमें उन्हीं गायों को आश्रय मिलेगा, जो दुधारू ना होकर लोगों द्वारा सड़कों पर छोड़ दी गई हंो। स्थानीय पालिका या पंचायत द्वारा सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु के खिलाफ चलाई जाने वाली योजना में जब्त गायों को भी यहां रखा जा सकता है, जो दुधारू भी हो सकती हैं।
जिला पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार गौशालाएं भले ही सरकारी तौर पर खोली जाएंगी, जिसकी जमीन और निर्माण का भी खर्च सरकारी होगा। लेकिन गायों की सेवा करने के लिए भी अच्छे गोसेवकों की जरूरत होगी। प्रत्येक गौशाला प्रशासनिक अधिकारी व सरपंच, सचिव की नजर में होगी, लेकिन गायों की सेवा करने के लिए अच्छे गोसेवक व सामाजिक संस्थाओं की भी आवश्यकता
होती है।