
प्रदेश स्तरीय भोजली महोत्सव में छाई हरियाली
मंडला. प्रकृति के प्रति आभार जताने भोजली महोत्सव सिवनी माल में धूमधाम से मनाया गया। जब बारिश में नदी-नाले उफान पर होते हैं तब सावन की पूर्णिमा तिथि को गांव-गांव में भोजली महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस बार नारायणगंज विकासखंड के सिवनी माल ग्राम में भोजली महोत्सव मनाया गया। जिसमें आसपास के आठ जिले के लोग भोजली लेकर शामिल हुए। आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि प्रकृति की वजह से ही जीवन चल रहा है, जब प्रकृति अपना रौद्र रूप दिखाती है तो जल प्रलय, भूकंप, सूखा आदि विपदा आती है। प्रकृति के बिना हम एक मिनट भी जीवित नहीं रह सकते। यही कारण है कि हजारों साल से किसान, आदिवासी प्रकृति का आभार व्यक्त करने के लिए प्रकृति की पूजा करते हैं। उन्ही में से एक भोजली महोत्सव है।
नर्मदा तट के किनारे बसे सिवनी माल में गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति मध्य प्रदेश के तत्वाधान में प्रदेश स्तरीय भोजली महोत्सव का आयोजन हुआ। स्थानीय समिति के जिला सचिव झुन्नी सैयाम द्वारा पर्व की विशेषताओं के बारे में बताया गया की 551 भोजली इस महोत्सव में शामिल हुई। जब शोभायात्रा निकाली गई तो सड़क में हरियाली छा गई। सावन पूर्णिमा के 7 दिन पूर्व अपने घरों में सात प्रकार की बीजों का उपयोग कर भोजली बोया जाता है 7 दिन सेवा करने के बाद पूर्णिमा के दिन भोजली महोत्सव का आयोजन होता है। जहां पर सब अपने-अपने भोजली लेकर पहुंचते हैं। पूजन के बाद इन्हें मां नर्मदा तट पर ले जाया गया। सभी माताएं अपने अपने भोजली अपने घर लेकर जाते हैं। कार्यक्रम दिलीप सैयाम के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस दौरान संस्कृति कार्यक्रम आयोजित किया गया। नर्तक दलों ने लोकनृत्यों की प्रस्तुति दी।
सभा आयोजित कर विभिन्न सामाजिक विचारकों द्वारा अपने-अपने विचार रखे गए। जनपद पंचायत नारायणगंज उपाध्यक्ष इंजीनियर भूपेंद्र वरकड़े ने कहा कि सामाजिक संस्कृति रीति नीतियों को संजोए रखने अच्छी पहल है। कहा कि हम अपनी महान गोंडियन संस्कृति जो विश्व संस्कृति की जननी है और पुरखा व्यवस्था के वाहक बनें हमारे पुरखा पूर्वजों ने अपनी शहादत अपनी आने वाली पीढ़ी के गौरव और वजूद को जिंदा रखने के लिए दिया है। हमें भी अपनी भावी पीढ़ी को देने के लिए विचार करना होगा।
कार्यक्रम में दिलीप सैयाम प्रदेश संयोजक गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति, झुन्नी सैयाम जिला सचिव, आरसी गज्जाम, संजय मरकाम, भागवत तुमराची, धीरा मरावी, कलीराम मर्रापा, धन्नी परस्ते, सेमू सिंह मरकाम, रतन वरकड़े, सेवाराम पन्द्रों, सर्जन वरकड़े, दुर्गेश उइके, काशीराम वरकड़े, पहल मरावी, मनोज कुड़ापे, इंद्र सिंह उद्दे, करमसेन धुर्वे, सुरेश मरकाम, झामू मरकाम, रहमत पन्द्राम, जयपाल परस्ते, लम्मू मरकाम, अनूप धुर्वे सहित समिति के कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित रहे।
Published on:
24 Aug 2021 05:40 pm
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