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Video Story :- इ-केवायसी के लिए 30 से 50 रुपए तक अवैध वसूली, एफआइआर का भी डर नहीं

मनमानी : सीएम ने इ-केवायसी के लिए पैसे मांगने पर एफआइआर करने के दिए हैं निर्देश

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मंडला. आदिवासी बाहुल्य जिले में पात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ भले नहीं मिल पा रहा हो, लेकिन योजनाओं के संचालन से जुड़े लोग जरूर बेजा लाभ ले रहे हैं। कुछ ऐसा ही वर्तमान में सबसे अधिक चर्चित मध्यप्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण लाड़ली बहना योजना में हो रहा है। सरकार द्वारा योजना के लाभ के लिए कियोस्क सेंटरों से इ-केवायसी निशुल्क कर दी गई है। यही नहीं स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने इ-केवायसी के बदले पैसे लेने वालों पर एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं लेकिन जिले में जिम्मेदार अधिकारियों की सही मॉनिटरिंग नहीं होने से कई कियोस्क सेंटर संचालक इ-केवायसी से लेकर आधार अपडेट कराने के बदले मनमानी वसूली कर रहे हैं।

गौरतलब है कि लाड़ली बहना योजना के तहत 23 से 60 साल तक की पात्र महिलाओं को हर माह 1000 रुपए दिए जाने हैं जिसके लिए इ-केवायसी कराना अनिवार्य किया गया है। सरकार ने ई केवायसी को नि:शुल्क कर दिया है लेकिन शहर में अधिकांश कियोस्क सेंटरों के संचालक इ-केवायसी कराने के बदले अवैध वसूली कर रहे हैं। जब जिला मुख्यालय में यह स्थिति है तो ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को योजना के लाभ के लिए जरूरी प्रक्रिया में कितनी परेशानी उठानी पड़ रही होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

कियोस्क सेंटरों में इ-केवायसी सरकार के निर्देशों के बाद नि:शुल्क कराई जा रही है या फिर पूर्व की तरह मनमानी फीस ली जा रही है इसकी पड़ताल के लिए पत्रिका की टीम ग्राहक बनकर बस स्टेंड के सामने मुख्य मार्ग में संचालित सेंटर पहुंची और इ-केवायसी कराने की बात कही गई, जिस पर यहां बैठे कर्मचारी ने बताया कि सर्वर की समस्या है कुछ देर में इ-केवायसी हो जाएगी और इसके लिए 30 रुपए देने होंगे।

 

2 लाख से अधिक महिलाएं हैं पात्रजानकारी अनुसार लाड़ली बहना योजना के लिए 23 साल से 60 साल तक की करीब 2 लाख से अधिक महिलाओं को चिन्हित किया गया है। इनमें करीब 70 प्रतिशत महिलाओं की इ-केवायसी अब तक हो सकी है। जबकि 25 मार्च से योजना के लिए फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वहीं नगरपालिका सीएमओ गजानन नाफड़े ने बताया कि 25 मार्च से वार्डों में शिविर लगाए जा रहे हैं, शिविर में हितग्राहियों की इ-केवायसी के साथ ही ऑन लाईन फार्म भरना शुरू हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले दिन कुछ तकनीकी समस्या से फार्म भरने में आई है जिसमें ओटीपी नहीं आने से कुछ फार्म ऑनलाइन नहीं भरे जा सके हैं। सोमवार से सभी वार्डों में शिविर लगाकर इ-केवायसी के साथ ही ऑनलाइन फार्म भरने की प्रक्रिया की जाएगी।
सर्वर नहीं बाद में आना, 30 रु. लगेंगे

जिला मुख्यालय में जिला पंचायत कार्यालय के पास बने कॉम्पलेक्स में संचालित कियोस्क सेंटर में पहुंचने पर यहां बैठे कर्मचारी ने बताया कि सुबह से सर्वर नहीं होने से इ-केवायसी नहीं हो पा रही है। शाम 6 बजे के बाद सर्वर आने की संभावना है इसलिए 6 बजे के बाद आने के लिए कहा गया है। वहीं जब इ-केवायसी कराने के बदले शुल्क के बारे में पूछा गया तो कर्मचारी ने बगैर किसी हिचक के 30 रुपए लगने की बात कह दी।
पड़ाव स्थित श्रीराम मंदिर के सामने स्थित सेंटर में इ-केवायसी कराई जा रही थी। जब इ-केवायसी कराने के बदले लिए जाने वाले शुल्क की जानकारी ली गई तो यहां काउंटर में बैठी युवती ने बताया कि इ-केवायसी के लिए 50 रुपए लगेंगे। वहीं जब इसी सेंटर के संचालक से बात की गई तो उन्होंने पहले बताया कि दिन भर में सर्वर नहीं होने से ज्यादा केवायसी नहीं हो पा रही है, एक-दो होने पर कुछ राशि ले लेते हैं। वहीं जब सेंटर के संचालक से पूछा गया कि सरकार द्वारा इ-केवायसी नि:शुल्क कराने के लिए कहा गया है इसके बदले सरकार द्वारा एक तय राशि कियोस्क सेंटर संचालकों को दी जाएगी। जिस पर संचालक ने भड़क गए और धमकाना शुरू कर दिया, हालांकि कुछ देर बाद वे अपने सेंटर में चले गए।
सभी कियोस्क सेंटरों को इ-केवायसी के बदले पैसे नहीं लेने के निर्देश दिए जा चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सचिवों द्वारा इ-केवायसी की जा रही है। वहीं शहर क्षेत्र में नि:शुल्क इ-केवायसी के संबंध में मुनादी भी कराई जाएगी।

पुष्पेन्द्र अहाके, एसडीएम मंडला