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मांगों को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने किया वन विभाग कार्यालय का घेराव

परिक्षेत्र अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

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मांगों को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने किया वन विभाग कार्यालय का घेराव

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मवई. जन संघर्ष मोर्चा ने अपनी विभिन्न मांगाें को लेकर वन विभाग कार्यालय मवई का घेराव किया। इसके साथ ही परिक्षेत्र अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन कारियों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपनी जवाबदेही से दूर हो रहे है। ग्रामीणों के संवैधानिक अधिकारों को नजरअंदाज कर रहे हैं। विकास कार्यों में अनावश्यक अड़ंगा डालने में ज्यादा रूचि दिखा रहें हैैं। ग्राम पंचायत अमवार में लोगों के काबिज जमीन को टेंच खोदकर या फेंसिंग कर वन विभाग छुड़ाने का प्रयास कर रहा है। इस तरह की कार्यवाहियों पर तत्काल रोक लगे और डरा-धमकाकर जिन गरीबों के कब्जे छुड़ायें हैं उन्हें लौटायें। जीर्ण-शीर्ण मकानों शासकीय भवनों की मरम्मत, प्रधानमंत्री आवास योजना और किसी भी प्रकार के नागरिक सुविधाओं और लोगों के अधिकारों से जुड़े विकास और मरम्मत कार्यों में बाधा उत्पन्न करना बंद करें। वन विभाग द्वारा कराए जा रहे कामों की सूचना, जानकारी, बजट और व्यय का ब्यौरा ग्राम पंचायत और ग्रामसभा में रखा जाए। शासकीय वनों की कटाई के संबंध में संबंधित ग्रामसभा को पूरी तरह से अवगत कराते सहमति प्राप्त की जाए। अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006, पांचवी अनुसूची, और पेसा के प्रावधानों पर अपने अमले की समझ विकसित करें, अन्यथा वन अमले और समुदाय के बीच तनाव बढ़ता जाएगा। तीन संवैधानिक प्रावधानों के तहत वन में निवास करने वाले समुदायों को प्राप्त अधिकारों पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 और भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत मामले बनाना बंद किया जाए। बजूरगांठ, हसिंयाढापर, मुसली, बाईबीरन, वन जीरा। इन वनस्पतियों के व्यवसायिक दोहन पर रोक लगाने समुदाय के साथ सहयोग करें। उक्त मांगो पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो जन संघर्ष मोर्चा वन विभाग के जिम्मेदार कार्यालय का घेराव करेगा।