
Kerosene prices rising every 20 days
मंडला।भले ही शासन की योजनाओं में गरीब और निर्धन परिवारों को महंगाई की मार से बचाने के दावा करते हुए उन्हें लाभांवित करने की बात कही जाती है। लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। आदिवासी बहुल्य जिले में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए ईंधन के सबसे बड़े विकल्प केरोसिन पर महंगाई की मार लगातार पड़ रही है। आश्चर्यजनक तथ्य तो यह है कि प्रति २० दिन में केरोसिन के भाव बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं, एक ही जिले के अलग अलग हिस्सों में भी केरोसिन की कीमत अलग अलग है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि केरोसिन का डिपो शहपुरा-भिटौनी में स्थित है। यहां से केरोसिन के टंैकर जिले के अलग अलग हिस्सों में स्थित शासकीय उचित मूल्य दुकानों में पहुंचाए जाते हैं। जैसे जैसे दुकानों और डिपो के बीच की दूरी का अंतर बढ़ता जाता है वैसे वैसे केरोसिन के मूल्य में भी बढ़ोत्तरी की जाती है। यही कारण है कि आदिवासी अंचल के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में केरोसिन सबसे अधिक महंगा है। जबकि इन्हीं क्षेत्रों में गरीबी और भुखमरी भी सबसे अधिक पाई जाती है। अगस्त महीने में जिले के बीजाडांडी में केरोसिन का भाव सबसे कम २१.९५ रुपए रहा, जबकि सबसे अधिक मवई में २२.७९ रुपए प्रति लीटर रहा। यही नहीं, हर ब्लॉक में भी केरोसिन के अधिकतम और न्यूनतम मूल्य निर्धारित किए गए हैं। यह भी केरोसिन डिपो से दूरी पर निर्भर है।
लाखों परिवारों पर असर
केरोसिन की बढ़ती कीमतों का असर जिले के एक दो नहीं, बल्कि लाखों परिवारों पर पड़ रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के नियमानुसार, बीपीएल कार्डधारी, अन्य पात्र परिवार एवं अंत्योदय परिवारों को ही पात्रता के आधार पर शासकीय उचित मूल्य दुकानों से केरोसिन विक्रय किया जा रहा है। जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के रिकार्ड के अनुसार, बीपीएल एवं अन्य पात्र परिवारों की संख्या जिले में १ लाख ८३ हजार २९१ है। जबकि अंत्योदय परिवारों की संख्या ६२ हजार ६६ है। सितंबर के महीने में पात्र परिवारों में वितरण के लिए ८ लाख १६ हजार लीटर केरोसिन का आवंटन आया है।
केरोसिन के भाव
ब्लॉक न्यूनतम अधिकतम
मंडला २२.१७ २२.४५
मोहगांव २२.२४ २२.५७
घुघरी २२.४० २२.७१
बिछिया २२.३६ २२.६०
मवई २२.५४ २२.७९
नैनपुर २२.३० २२.५१
निवास २१.९८ २२.२०
बीजाडांडी २१.९५ २२.१४
नारायणगंज २२.०६ २२.२५
(उक्त भाव रुपए प्रति लीटर अगस्त २०१७ के हंै)
केरोसिन का मूल्य पेट्रोलियम कंपनियां निर्धारित कर रही हैं। डिपो से दूरी बढऩे पर केरोसिन के मूल्य पर इसका सीधा असर पड़ता है।
जीपी लोधी, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, मंडला।
Published on:
19 Sept 2017 05:05 pm
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