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सड़क चौड़ीकरण के लिए शिफ्टिंग की बजाय पेड़ों की कटाई से चिंतित लोग

ऐतिहासिक बरगद के पेड़ को लेकर जता रहे चिंता

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सड़क चौड़ीकरण के लिए शिफ्टिंग की बजाय पेड़ों की कटाई से चिंतित लोग

सड़क चौड़ीकरण के लिए शिफ्टिंग की बजाय पेड़ों की कटाई से चिंतित लोग

मंडला. सोमवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर एक ओर जगह-जगह पौधरोपण किए जा रहे थे एक पौधों के साथ दर्जनों लोग सेल्फी और फोटो भी खींच रहे थे। इस बीच शहर में विकास के नाम पर सालों पुराने हरे-भरे वृक्षों को काटा जा रहा था। कुछ बुजुर्गों ने जिन्होंने इन पेड़ों में से कुछ को अपने सामने छोटे से बड़ा होता देखा था उन्हीं के सामने जब इन पेड़ों को काटा जा रहा था तो वे सिर्फ इन पेड़ों को सिर्फ कटता हुआ ही देख सकते थे लेकिन नगरपालिका को ये पेड़ हरियाली, छांव के लिए जरूरी नहीं बल्कि विकास में बाधा नजर आ रहे थे। पिछले कुछ दिनों से बड़ चौराहा से लेकर नेहरू स्मारक और बड़ चौराहा से ही बिंझिया तिराहा तक सड़क चौड़ी करण का काम शुरू किया गया है। इसमें बड़ चौराहा से लेकर नेहरू स्मारक तक चौड़ीकरण कार्य काफी चचाओं में है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मार्ग में करीब दर्जन भर से अधिक छोटे-बड़े हरे-भरे वृक्षों को जड़ से काटकर अलग कर लिया गया है और अभी भी बचे पेड़ों की कटाई जारी है। नपा से मिली जानकारी अनुसार इंजीनियर द्वारा सड़क चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की कटाई को जरूरी माना गया है इसलिए इनकी कटाई नपा द्वारा कराई जा रही है। जानकारी अनुसार सड़क चौड़ीकरण का काम तो ठेकेदार को दिया गया है लेकिन पेड़ों की कटाई नगरपालिका द्वारा कराई जा रही है।

थोड़ा हटकर भी बनाई जा सकती थी सड़क

स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में सड़क किनारे लगे पेड़ न केवल हरियाली के लिए जरूरी थे बल्कि गर्मी के दिनों में ये पेड़ राहगीरों के लिए दो पल आराम देने का भी काम करते थे। निशा ठाकुर का कहना है कि पेड़ों को काटने की बजाय आसपास से भी सड़क बनाई जा सकती थी और यदि पेड़ों को हटाना ही एकमात्र विकल्प था तो इन पेड़ों की अन्यत्र शिफ्टिंग की प्रक्रिया की जा सकती थी क्योंकि चिलमन चौक से पुराने डिंडोरी नाका तक बनने वाली मॉडल सड़क के निर्माण के दौरान एक पेड़ को तत्कालीन परिषद द्वारा जड़ से उखड़वाकर महाराजपुर में सुरक्षित स्थान पर लगवाया था और यह पेड़ पूरी तरह सुरक्षित भी है। एक ओर नगरपालिका द्वारा हरे-भरे पेड़ों को काट दिया गया है वहीं दूसरी ओर इन पेड़ों की लकड़ियों को शहर में संचालित लकड़ी टालों में पहुंचाने की जानकारी सामने आ रही है। वहीं इस संबंध में नगरपालिका के सीएमओ गजानन नाफड़े का कहना है कि काटे गए पेड़ों की लकड़ियों को नपा परिसर के अलावा अन्यत्र सुरक्षित रखवाया जा रहा है। जबकि सूत्रों की मानें तो काटे गए पेड़ों की बड़ी संख्या में लकड़ियां स्थानीय लकड़ी टालों में पहुंचाई जा रही हैं। बता दें कि नगरपालिका द्वारा जब कहीं कोई सूखे या हरे पेड़ की कटाई की जाती है तो उसकी लकड़ियों को नपा परिसर में ही सुरक्षित रखवाया जाता है जिसका उपयोग ठंड के समय अलाव आदि में किया जाता है।