मंडला. बरसाती सीजन चल रहा है ऐसे में वे कच्चे-पक्के इमारतों पर खतरा मंडराने लगा है। चिंता का विषय यह है कि ऐसी कभी भी गिरने की कगार पर पहुंच सकी इमारतों की जानकारी नगरपालिका प्रशासन के पास नहीं है। हर बार वर्षाकाल प्रारंभ होने पर नगरपालिका द्वारा जर्जर भवनों की जानकारी जुटाने और ऐसे भवनों के संचालकों के मालिकों को नोटिस जारी करने की बात कही जाती है धीरे-धीरे वर्षाकाल निकल जाता है और न तो जर्जर भवनों की जानकारी जुटाई जाती है न ही नोटिस ही जारी किया जाता है।
सरकारी भवनों की संख्या अधिक
लगातार बारिश से कच्चे मकानों के साथ ही पक्के ईंट-सीमेंट से बने मकानों में भी नमी आ जाती है लेकिन जो मकान कई साल पुराने होते हैं उनके लिए लगातार बारिश का होना एक तरह से खतरे की घंटी बन जाता है। बारिश के दौरान पुराने-जर्जर मकानों के धरासायी होने की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं। जिला मुख्यालय में ही बड़ी संख्या में मकान, दुकान जर्जर हो चुकी हैं। हागगंज बाजार क्षेत्र में कुछ दिनों पहले एक दुकान के बाहर पोर्च का छज्जा गिर गया था जिससे दुकान में आए ग्राहक बाल-बाल बच गए थे। प्राइवेट से ज्यादा सरकारी भवनों की दुर्दशा है। जिसमें सरकारी स्कूलों की बात की जाए तो शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले के कुल सरकारी प्राइवेट और मिडिल स्कूलों में करीब 137 स्कूल भवन जर्जर घोषित किए जाने के बाद उनका सुधार कार्य कराया जा रहा है।
नोटिस चस्पा कर भूले
बस स्टैंड के पास प्राइवेट स्कूल के ठीक बाजू से एक बड़ी जर्जर बिल्डिंग कई सालों से खड़ी है। मकान मालिक द्वारा यहां जर्जर दीवार में जहां नोटिस चस्पा कर इस जर्जर भवन के जर्जर होने की सूचना चस्पा करा दी गई है लेकिन इस जर्जर भवन को तोड़ने में न तो भवन मालिक द्वारा कोई रूचि दिखाई गई है न ही प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है। जबकि यह जर्जर भवन मेन रोड में जहां खड़ा है उसके ठीक बाजू से दो बड़े प्राइवेट स्कूल हैं। जहां से बच्चों का आना-जाना लगा रहता है।
जानकारी अनुसार जिस भवन को भवन मालिक द्वारा जर्जर घोषित कर दिया गया है और आमजनों को उस भवन से निर्धारित दूरी बनाकर रखने के लिए संदेश चस्पा कराया गया है सूत्रों के अनुसार उसी भवन में कुछ व्यापारी सब्जी की दुकान लगा रहे हैं। वहीं यहां सब्जी खरीदने के लिए खंडहर हो चुकी बिल्डिंग के आसपास ग्राहकों का भी आना-जाना लगा रहा है।
बरसात में सुधार कार्य जारी
पीडब्ल्यूडी द्वारा सरकारी भवनों के सुधार का जिम्मा होता है लेकिन विभाग द्वारा जर्जर भवनों का सुधार बरसात के पहले नहीं कराया जाता जिससे बारिश से बचने के लिए कई सरकारी भवनों में प्लास्टिक लगाकर कर्मचारियों को बारिश से स्वयं को अपने सरकारी कागजातों को बचाना पड़ता है।
इनका कहना है
शहर में लालीपुर मार्ग होए बुधवारी मार्ग हो, रंगरेजघाट क्षेत्र में कई वर्षों पुरानी इमारतों में लोग रह रहे हैं। इनमें कई मकान कभी भी गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं लेकिन नगरपालिका प्रशासन या अन्य जिम्मेदार विभागों द्वारा ऐसे जर्जर भवनों को हटाने में कोई रूचि नहीं दिखाई जाती।
अंकुर चैरसिया, नागरिक
नगर पालिका से हर साल जर्जर भवनों का सर्वे कराने और नोटिस जारी करने की बात कही जाती है लेकिन नपा के पास जर्जर भवनों के संबंध में अब तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। जर्जर भवनों के आसपास लोगों का आना-जाना बने रहने से दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है।
दिनेश अग्रवाल, नागरिक
जर्जर भवनों के संबंध में सर्वे कराया जा रहा है सर्वे के बाद जर्जर हो चुके मकानों के मालिकों को नोटिस जारी किया जाएगा। कोई हादसा अगर होता है तो उसकी जानकारी भवन मालिक की होगी।
गजानन नाफड़े, सीएमओ नगरपालिका परिषद मंडला
पूर्व मेें हमारे विभाग द्वारा सभी सरकारी भवनों का जरूरत अनुसार मेंटनेंस कराया जाता था लेकिन पिछले साल से अब सभी विभागों को उनकी मांग के अनुसार मेंटनेंस के लिए राशि उपलब्ध कराई जाती है जिससे विभाग अपने कार्यालयों का जरूरत अनुसार मेंटनेंस करा लेते हैं।
शारदा सिंह ईई, पीडब्ल्यूडी