
Smile returned on the face of wholesale traders when sales increased i
मंडला. महीने का छटवां दिन बीत चुका है लेकिन अनाज और किराना सामग्री का थोक बाजार अब भी मंदा पड़ा है क्योंकि फुटकर बाजार से अभी ऑर्डर बुक होना शुरू नहीं हुए हैं। इसके बावजूद थोक व्यापारियों के चेहरे पर मंद मंद मुस्कान अब लौट पड़ी है क्योंकि बाजार के जानकार बता रहे हैं कि फुटकर बाजार में अब मांग तेजी से बढ़ रही है इसका सीधा असर थोक मंडियों पर जरूर पड़ेगा। भले ही थोक बाजार अभी मंदा ही है लेकिन यह मंदी अधिक दिनों तक रहने वाली नहीं। फुटकर बाजार की खरीदी का असर थोक बाजार तक पहुंचने में लगभग एक सप्ताह का समय लगने की आशंका जताई जा रही है क्योंकि फुटकर बाजार में पिछले ऑर्डर का माल की अभी पूरी तरह से खपत नहीं हुई है। हालांंकि कुछ व्यापारियों ने दबे स्वर में यह जरूर बताया कि कुछ फुटकर दुकानों के गोदामों में माल भिजवाना शुरू कर दिया गया है।
फुटकर बाजार में आई तेजी का कारण बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते ग्राफ और नाइट कफ्र्यू लागू होने से लोगों मेें लॉकडाउन का भय फिर बढऩे लगा है। पिछले दो लॉकडाउन में तेजी से बढ़े अनाज और किराना सामग्री की कीमतों के अनुभव को लोग भूले नहीं है। यही कारण है कि लॉकडाउन की आशंका के चलते लोग अनाज और किराना सामग्री का स्टॉक करना शुरू कर चुके हैं।
फुटकर व्यापारियों की चांदी
पिछले तीन-चार महीनों से बाजार की मंदी झेल रहे फुटकर व्यापारियों की चांदी शुरू हो चुकी है क्योंकि उनकी दुकानो में पिछले चार दिनों से अचानक ग्राहकों की भीड़ बढऩे लगी है। अंश अग्रवाल ने बताया कि बाजार में मंदी ऐसी छाई रही कि थोक व्यापारियों को बिना ऑर्डर बुक किए वापस लौटा रहे थे क्योंकि पिछले लॉट में बुलवाए गए माल भी नही खपा था लेकिन तीन चार दिनों से ऐसे ग्राहक लौटने लगे हैं जो दो दो महीनों का राशन एक साथ ले जाते थे। फुटकर व्यापारी अनुज चौरसिया का कहना है कि मंदी के कारण फुटकर बाजार में खरीदी बिक्री कम हो रही थी लेकिन अभी तीन चार दिनों से बिक्री बढ़ी है। लोग दो-तीन महीने का किराना सामग्री का आर्डर देने लगे हैं। इससे बाजार उठा है।
पहले फुटकर, फिर थोक बाजार
फुटकर बाजार की तेजी अभी तक थोक बाजार में पहुंची नहीं है। नगर के थोक विक्रेता प्रदीप खरबंदा का कहना है कि लॉकडाउन से पहले फुटकर व्यापारियों के ऑर्डर महीने की 28-30 तारीख तक बुक हो जाते थे क्योंकि महीने की शुरूआत में फुटकर बाजार में सर्वाधिक खरीदी होती है। पिछले महीने भेजे गए सामान की बिक्री इस महीने के दो तीन तारीख तक भी नहीं हुई। अब फुटकर बाजार में खरीददार लौटे हैं तो इसका असर थोक बाजार पर भी पड़ेगा। फुटकर बाजार में माल खत्म होते ही थोक बाजार में रौनक लौट आएगी। थोक व्यापारी गोवर्धन दास का कहना है कि फुटकर व्यापारियों से ही पता चला है कि ग्राहकी बढ़ गई है तो इसका सीधा असर थोक बाजार पर अवश्य पड़ेगा।
Published on:
07 Jan 2022 10:43 pm
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