
चुटका परमाणु विद्युत परियोजना में लगे रोक
मंडला. जिले में प्रस्तावित चुटका परमाणु विद्युत परियोजना के खिलाफ स्थानीय ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। नई सरकार से उन्हें फिर से उम्मीद जाग गई है। इसी को लेकर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने ऐलान किया है कि वे अपनी जान दे देंगे लेकिन परियोजना के लिए एक इंच भी जमीन नहीं देंगे। चुटका परियोजना के कारण लगभग 54 गांवों की एक लाख आबादी के प्रभावित होने की आशंका है। 400 परिवार तो शुरुआत में ही अपनी जमीन से बेदखल हो जाएंगे। मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंच कर लोगों ने कलेक्टर से चुटका परमाणु विद्युत परियोजना बंद कराने की मांग की है। ग्राम चुटका, कुंडा और टाटीघाट के ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष २००९ में केंद्र सरकार द्वारा चुटका परमाणु विद्युत परियोजना 14०० मेगावाट की स्वीकृति प्रदान की गई थी तभी से सभी ग्रामीण इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार ग्राम सभाओं में प्रस्ताव पारित कर निरंतर उक्त परियोजना को बंद कराने की मांग की जा रही है। बावजूद इसके असंवैधानिक तरीके से परियोजना के कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। जिले में वर्ष 2017 में जन चेतना सभा का आयोजन कर 101 गांव की ग्राम सभाओं ने परियोजना रद्द करने की मांग की थी एवं पुनर्वास स्थल पर शीघ्र रोक लगाने की भी मांग की गई थी। तत्कालीन कलेक्टर द्वारा पुनर्वास के लिए किए जा रहे काम को बंद भी कराया गया था और अभी तक पर्यावरण की मंजूरी चुटका परमाणु विद्युत परियोजना को नहीं मिली है, फिर भी पुनर्वास का काम किया जा रहा है, जिसमें घटिया निर्माण काम किया जा रहा है। उक्त पुनर्वास ग्रामीणों की इच्छा के विपरीत है, चूकि मंडला पांचवी अनुसूची में आता है बावजूद इसके ग्राम सभाओं की बिना सहमति के परियोजना कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है, जो की पूर्णता असंवैधानिक है। कलेक्टर से ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा कि चुटका विद्युत परियोजना पुनर्वास स्थल गोंझी में शीघ्र रोक लगाया जाए तथा चुटका परमाणु विद्युत परियोजना रद्द करने की कार्रवाई की जाए। अन्यथा ग्रामीण अब आंदोलन की राह पर जाएंगे। ग्रामीणों ने बताया कि 2009 से चुटका परियोजना का विरोध कर रहे हैं जब भी हम विरोध करते हैं तो अधिकारी हम पर कार्यवाही करते हैं और विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लेते हैं। पूर्व में की गई कार्रवाईयों की पेशी हम आज भी झेल रहे हैं। ग्रामीणों ने कलेक्टर से मांग करते हुए सभी प्रकरण वापस लिए जाने की अपील की है। इस दौरान दादू लाल कुड़ापे, संतू लाल, मीराबाई, कुंती बाई, जीरो बाई सेववती बाई, प्रदीप तेकाम, फागू लाल, संत राम, राम स्वरूप, पुष्पा बाई, ओमती बाई, हीरालाल तेकाम, सुरेंद्र कुमार, दिलीप सिंह, राम प्रसाद बर्मन, मुकेश मरावी, विनोद कुंजाम, राम सिंह कोकडिय़ा, रवि शंकर कोकडिय़ा, नंदलाल, मूलचंद, मुन्ना लाल के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
Published on:
23 Jan 2019 07:15 pm
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