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लंबी हो रही है सीएम हेल्पलाइन की फेहरिस्त

आवेदकों की शिकायतों को ताक पर रखकर मनमानी कर रहे विभाग

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The list of CM helpline is getting long

The list of CM helpline is getting long

मंडला. जिले में शासन की योजनाओं का लाभ जिलेवासियों को बहुत ही निम्न स्तर पर मुहैया कराया जा रहा है और साथ ही जिलेवासियों को शासन से की गई शिकायतों का निपटारा करने में विभागीय अधिकारी न ही अधिक रुचि ले रहे हैं और न ही संबंधित अधिकारियों की लापरवाही पर कोई कार्रवाई की जा रही है। यही कारण है कि जिले में सीएम हेल्प लाइन की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। फाइलों पर फाइलों का सिर्फ ढेर लगाया जा रहा है लेकिन उन फाइलों में जनता की शिकायतों का जो विवरण है उसे निपटाने में विभागीय अधिकारियों को कोई रुचि नहीं। सबसे अधिक भर्राशाही जिले के राजस्व विभाग में देखी जा रही है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक राजस्व विभाग में सीएम हेल्प लाइन की लगभग 490 शिकायतें लंंबित हैं। यह वही विभाग हैं जहां आम जनता का सबसे अधिक सरोकार होता है और इसी विभाग में जनता को सबसे अधिक उपेक्षित किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, जिले में सीएम हेल्प लाइन में शिकायतों का पुलिंदा इतना अधिक हो गया है कि शिकायतों की संख्या 2 हजार 250 तक जा पहुंची हंै और इनका निराकरण ठंडे बस्ते में है।
राजस्व निपटारे में रुचि नहीं
जिले के राजस्व विभाग मे लोगों की शिकायतों का सबसे अधिक ढेर लगा है क्योंकि राजस्व अधिकारियों को जनता की शिकायतों का निपटारा करने में रुचि ही नहीं। बताया जा रहा है कि मामूली से मामूली शिकायतें भी राजस्व विभाग में धूल खा रहीं हैं। यहां सबसे अधिक भूमि बंटवारा, नामांतरण, सीमांकन, अवैध कब्जा आदि के मसले आ रहे हैं। शिकायतों की समस्या का समाधान नहीं होने के कारण कई बार संबंधित लोगों के बीच में मनमुटाव इस कदर बढ़ जाता है कि विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। इन सबके बावजूद इस विभाग में शिकायतों के निराकरण में कोई रुचि नहीं ली जा रही है।
पंचायती राज में मनमानी
सीएम हेल्प लाइन की शिकायतों में दूसरे क्रमांक पर पंचायती राज विभाग है जहां 235 शिकायतों को ठंडे बस्तेे भेजा गया है। अधिकांश शिकायतें पंचायती भुगतान, पंचायती निर्माण कार्यों में लापरवाही, मजदूरी भुगतान, गुणवत्ताहीन भवन-सड़क निर्माण आदि से संबंधित हैं। इसके अलावा पेयजल संकट से भी जुड़ी शिकायतें है जो सीधे सीधे ग्रामीणों की जीवनचर्या और जीवनशैली को प्रभावित कर रही हैं। इसके बावजूद वे समस्याएं जस की तस बरकरार हैं क्योंकि इनके निपटारे के लिए संबंधित अधिकारियों के पास फुरसत ही नहीं।
फैक्ट फाइल:
विभाग हेल्पलाइन शिकायतें
ऊर्जा 86
खाद्य आपूर्ति 176
राजस्व 495
लोक स्वास्थ्य 123
पीएचई 127
नगरपालिका 96
पंचायती राज 239
प्रधानमंत्री आवास 113