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दीपोत्सव… रंगीन रोशनी से जगमगाया आकाश

दीपावली पर जगमगाता रहा आसमान, दूसरे दिन सडक़ों पर पसरा सन्नाटा

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दीपोत्सव... रंगीन रोशनी से जगमगाया आकाश

दीपोत्सव... रंगीन रोशनी से जगमगाया आकाश

मंडला। ज्योति पर्व दीपावली जिले भर में रविवार को धूमधाम से मनाई गई। शुभ मुहूर्त में घरों, मंदिरों, पंडालों और प्रतिष्ठानों में विघ्र विनाशक गणेश जी और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की गई। वहीं आतिशबाजी से आसमान सतरंगी हो गया। धरती और आसमान का नजारा देखते ही बन रहा था।
प्रकाश पर्व दीपावली को लेकर लोग कई दिन से तैयारी कर रहे थे, लेकिन रविवार सुबह से ही हर आयु वर्ग के लोगों में खूब उत्साह रहा। सुबह घरों की साफ-सफाई के बाद लोगों ने बाजार का रुख किया। किसी ने पूजन का सामान खरीदा तो किसी ने लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति। साथ में लाई-मिठाई और पटाखों की भी खरीदारी की गई। घरों में महिलाओं ने सुबह पकवान बनाए। शाम को घर के बड़े-बुजुर्गों ने स्नान कर घरों और दुकानों में शुभ मुहूर्त में पूजन किया। स्थानीय मंदिरों में शाम को विद्युत झालरों से सजावट की गई। घरों-प्रतिष्ठानों में भी रंगोली बनाने के साथ दीप जलाए गए। बच्चों ने जमकर आतिशबाजी की। आधी रात तक नगर से लेकर गांव तक त्योहार का धूम-धड़ाका होता रहा। प्रकाश का पर्व पूरे हर्षोल्लास और परंपरा के साथ मनाया गया। मकान और इमारतें रोशनी में नहा उठी, लोगों ने मिठाइयों और दूसरे उपहारों के साथ एक दूसरे को शुभकामनाएं दी। सौभाग्यशाली संयोगों के साथ 27 अक्टूबर को आई शुभ दीपावली में पूरा शहर रंग बिरंगी रौशनी से जगमगा उठा। न केवल लोगों के मकान, बल्कि आसमान भी रंग बिरंगी आतिशबाजी की रोशनी से चमचमाते रहे। शुभ मुहूर्तांे से भरे पर्व में लोगों ने दिन में जमकर खरीदी की और शुभ मुहूर्तों के पूजा-अनुष्ठान की तैयारी शुरू की। पंडित लक्ष्मीकांत द्विवेदी का कहना है कि गणनाओं के अनुसार, दीपावली पर इस बार गुरु चित्रा योग रहा सात चौघडिय़ा, एक अभिजित मुहूर्त और दो लग्न को मिलाकर कुल 10 शुभ मुहूर्त भी बने हैं। गौरतलब है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा मुहुर्त 27 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 12 मिनट तक रहा।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक दिवाली सभी के लिए शुभ रही। शुभ मुहूर्त जिसमें सुख-समृद्धि की कामना से लक्ष्मी, गणेश और कुबेर का पूजन किया गया। जो लोग समय पर तैयारी पूरी नहीं कर पाए वहां मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए ज्यादातर घरों, दुकानों, संस्थाओं में दीपावली की रात को समय पर पूजन अनुष्ठान संपन्न कराने की जल्दबाजी दिखी। शहर के ज्यादातर मकानों और दुकानों को रंगबिरंगे झालरों से सजाया गया। जमकर आतिशबाजी हुई। ज्यादातर लोगों ने चाइनीज आतिशबाजी और रोशनी से दूरी बनाए रखी। स्वदेशी बम-पटाखों के धमाके से शहर गूंजता रहा और आतिशबाजियों की रंगीन रोशनी से आसमान चमकता रहा। पहली बार हुआ कि लोगों ने आतिशबाजी से अधिक सजावट और पूजन पर अपना ध्यान केंद्रित रखा।
शहर के ज्यादातर मकानों और दुकानों को रंगबिरंगे झालरों से सजाया गया। जमकर आतिशबाजी हुई। बम-पटाखों के धमाके से शहर गूंजता रहा और आतिशबाजियों की रंगीन रोशनी सारी रात आसमान में बिखरती रही। पूरा शहर दुल्हन की तरह सजा रहा। संभवत: यह पहली बार हुआ कि रात को लगभग आठ बजे तक बाजार में खरीददारों की भीड़ बनी रही।
हर घर जलाए दिए
पिंडरई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पिंडरई व आसपास के सदस्यों ने दीपावली के अवसर पर एक हजार दीप जलाए। सभी सदस्य नगर भ्रमण किया और दीपावली की बधाई के साथ दीप प्रज्जवलित किया। कन्याओ तथा बुजुर्गो का आशिर्वाद लिया। इस अवसर पर समाजसेवी मौजूद रहे।