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डीएपी की कमी दूर करेगी ये खाद

कृषि अधिकारी ने किसानो को दी सलाह

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प्रतीकात्मक चित्र

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मंडला. खरीफ सीजन की तैयारियां किसानों द्वारा शुरू की जा चुकी है। इस वर्ष खरीफ सीजन के लिए 132 हजार हेक्टर में बोनी प्रस्तावित है। विगत दिनों में हुई वर्षा से किसान और तेजी से खेत की तैयारी और खाद, बीज की व्यवस्था में लग गए हैं। किसान सहकारी समितियों एवं निजी विक्रेताओं से उर्वरक और बीज क्रय कर रहे हैं।

13 हजार मीटन खाद का उठाव

प्रभारी उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास मधुअली से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में कुल 21532 मी. टन खाद की उपलब्धता है जिसमें अभी तक 13000 मी टन खाद का किसानो ने उठाव किया है। उठाव की प्रक्रिया अब तेजी से चालू है। उन्होंने जिले में उर्वरकवार खाद की उपलब्धता की जानकारी दी है जिसके अंतर्गत यूरिया 14188 मी. टन, डीएपी 3528 मी. टन, एसएसपी 3025 मी. टन, पोटाश 270 एवं एनपीके 521 मी. टन उपलब्ध है।

उन्होंने किसानों से अपील की है कि वह डीएपी खाद के विकल्प के तौर पर एसएसपी एवं एनपी के का भी प्रयोग कर सकते हैं। एसएसपी में सल्फर अतिरिक्त तौर पर फसल को प्राप्त होता है, जिससे पौधे की जड़े तथा तना मजबूत होने के साथ-साथ दाने भी स्वस्थ्य होंगे और पैदावार में भी वृद्धि होगी। उपसंचालक ने कहा है कि एनपीके के प्रयोग से तीनों तत्वों की पूर्ति एक मात्र खाद से पूरी की जा सकती है।

धान के लिए उर्वरकवार अनुशंसित मात्रा

सिंचित क्षेत्र में यूरिया 166 किग्रा तथा डीएपी 130 किग्रा, असिंचित क्षेत्र में यूरिया 118 किग्रा तथा डीएपी 87 किग्रा उपयोग किया जा सकता है। सिंचित क्षेत्र में यूरिया 217 किग्रा तथा एसएसपी 375 किग्रा, असिंचित क्षेत्र में यूरिया 130 किग्रा तथा एसएसपी 250 किग्रा उपयोग किया जा सकता है। सिंचित क्षेत्र में एनपीके 300 किग्रा तथा यूरिया 86 किग्रा, असिंचित क्षेत्र में एनपीके 200 किग्रा तथा यूरिया 43 किग्रा उपयोग किया जा सकता है। साथ ही विभिन्न आगिम जाति सेवा सहकारी समितियों में तक 500 क्विंटल उन्नत प्रमाणित बीज का भंडारण किया जा चुका है। समितियों में एमटीयू-1010, जेआर-81 और जेआर-206 किस्म का भंडारण किया गया है। 10 वर्ष के अंदर की किस्म में डीबीटी के माध्यम से 2000 रुपए और 10 वर्ष के बाहर की किस्म में 1000 रुपए अनुदान का प्रावधान है। सभी किसानों से अपील की गई है कि वे सहकारी समितियों से बीज का उठाव करें और शासन की योजना अनुसार अनुदान का लाभ प्राप्त करें।