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टाइगर रिज़र्व के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, सतकोसिया भेजा गया कान्हा का बाघ

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This is the first time in the history of Tiger Reserve

टाइगर रिजर्वों के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, सतकोसिया भेजा गया कान्हा का बाघ

मंडला- कान्हा प्रबंधन द्वारा 20 जून की दोपहर 3 बजे मुक्त रूप से विचरण करने वाले एक बाघ को सतकोसिया टाईगर रिजर्व, उड़ीसा में पुनस्र्थापन के लिए रवाना कर दिया गया है। इस बाघ को बुधवार को कान्हा एवं पेंच टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सकों एवं अधिकारियों द्वारा निश्चेत किया गया और उसके शरीर के आवश्यक माप रिकॉर्ड किए गए।

बताया गया है कि यह सम्पूर्ण कार्यवाही डॉ. संजय कुमार शुक्ला, क्षेत्र संचालक, कान्हा टाईगर रिजर्व के मार्गदर्शन में कान्हा प्रबंधन द्वारा सम्पन्न की गई। उड़ीसा राज्य में स्थित सतकोसिया टाईगर रिजर्व में बाघों के पुनस्र्थापन के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा एक विशेष योजना तैयार की गई है। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य द्वारा उड़ीसा राज्य को 6 बाघ (तीन जोड़े) पुनस्र्थापन के लिए दिया जाना है। कान्हा टाईगर रिजर्व से दो बाघ दिये जाने है एवं इसी कड़ी में कल पहले बाघ को रवाना किया गया है।

गौरतलब है कि भारत के संरक्षण इतिहास में पहली बार किसी टाईगर रिजर्व से बाघ को अन्य राज्य में पुनस्र्थापन के लिए भेजा गया है। कान्हा प्रबंधन द्वारा उम्मीद जताई गई है कि यह बाघ इस महत्वकांक्षी परियोजना के उद्येेश्य को पूर्ण कर सतकोसिया टाईगर रिजर्व में बाघों की अच्छी संख्या स्थापित करने में सहायक होगा। उड़ीसा राज्य से इस के लिए वनाधिकारियों एवं वन्यप्राणी चिकित्सकों का दल भी कान्हा टाईगर रिजर्व आया है।

बाघ को स्थानांतरित करने के लिए इस संपूर्ण कार्यवाही में केएस भदौरिया, संयुक्त संचालक, अंजना सुचिता तिर्की, उप संचालक, बफरजोन, डॉ. के रमेश, वरिष्ठ वैज्ञानिक, भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून, डॉ. राकेश शुक्ला, अनुसंधान अधिकारी, डॉ. संदीप अग्रवाल, वन्यप्राणी चिकित्सक, कान्हा टाईगर रिजर्व, डॉ. अखिलेश मिश्रा, वन्यप्राणी चिकित्सक, पेंच टा.रि., एसके खरे, एसके सिन्हा, रंजीत सिंह उइके, एसके मिश्रा, एसके सेन्द्राम, सहायक संचालक, परिक्षेत्र अधिकारीगण एवं कान्हा टाईगर रिजर्व के कर्मचारियों ने सहयोग दिया।