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गांव पहुंच जाता था बाघ, कान्हा में सिखाया-पढ़ाया फिर कैसे पिंजरा खुलते ही भागा जंगल की ओर, देखें वीडियो

कान्हा से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पहुंचा बाघ, बैतूल के सारणी में भटक रहा था बाघ

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मंडला। कान्हा टाइगर रिजर्व से गुरुवार की दोपहर को एक नर बाघ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को भेजा गया है। केटीआर के फील्ड डायरेक्टर एम. कृष्णमूर्ति ने बताया कि लगभग दो महीने पहले यह बाघ बैतूल जिले के सारणी के नजदीक भटकता हुआ पाया गया था। सारणी के रहवासी क्षेत्र में बार बार इस बाघ के आने के कारण इसे कान्हा पार्क में रखा गया था। इस बाघ की उम्र लगभग ढाई वर्ष बताई गई है। रेस्क्यू करके इस बाघ को कान्हा पार्क में लाया गया। गुरुवार की दोपहर इस बाघ को सतपुड़ा के लिए रवाना किया गया। शुक्रवार की सुबह इस बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगल में स्वतंत्र विचरण के लिए मुक्त कर दिया गया। १ फरवरी को इस नर बाघ का क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद एवं अन्य अधिकारी, कर्मचारियों, वन्यप्राणी चिकित्सक की उपस्थिति एवं सक्रियता से मुक्त किया गया। बोरी अभ्यारण्य में नर बाघ को मुक्त किए जाने के बाद रेडियो कॉलर आईडी क माध्यम से दल गठित कर निरंतर निगरानी कराई जा रही है। कान्हा से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पहुंचा बाघ
बैतूल के सारणी में भटक रहा था बाघ
मंडला। कान्हा टाइगर रिजर्व से गुरुवार की दोपहर को एक नर बाघ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को भेजा गया है। केटीआर के फील्ड डायरेक्टर एम. कृष्णमूर्ति ने बताया कि लगभग दो महीने पहले यह बाघ बैतूल जिले के सारणी के नजदीक भटकता हुआ पाया गया था। सारणी के रहवासी क्षेत्र में बार बार इस बाघ के आने के कारण इसे कान्हा पार्क में रखा गया था। इस बाघ की उम्र लगभग ढाई वर्ष बताई गई है। रेस्क्यू करके इस बाघ को कान्हा पार्क में लाया गया। गुरुवार की दोपहर इस बाघ को सतपुड़ा के लिए रवाना किया गया। शुक्रवार की सुबह इस बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगल में स्वतंत्र विचरण के लिए मुक्त कर दिया गया। १ फरवरी को इस नर बाघ का क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद एवं अन्य अधिकारी, कर्मचारियों, वन्यप्राणी चिकित्सक की उपस्थिति एवं सक्रियता से मुक्त किया गया। बोरी अभ्यारण्य में नर बाघ को मुक्त किए जाने के बाद रेडियो कॉलर आईडी क माध्यम से दल गठित कर निरंतर निगरानी कराई जा रही है।