
vastu shastra
मंडला. एक बार फिर फेंगशुई नगरवासियों के ड्राइंग रूम में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। इनमें सबसे प्रमुख फेंगशुई कछुआ है। जिसकी स्थानीय बाजार में मांग जमकर बढ़ रही है। एक समय था, जब लोग अपने घरों में जीवित कछुआ पाला करते थे लेकिन जब से दुर्लभ जीव-जंतुओं को घर में रखने पर प्रतिबंध लगा है तब से लोग अपने घरों अथवा शोरूम में आर्टिफिशियल कछुआ रखकर अपना शौक पूरा कर रहे हैं। कई युवा तो कछुआ डिजाइन की अंगूठी ऊंगलियों में धारण कर दोस्तों के बीच अपनी विशेष पहचान बना रहे हैं। फेंगशुई वास्तु के अनुसार, कछुआ सकारात्मक सोच का प्रतीक है वहीं कुछ लोग इसे वास्तु के अनुरुप सुख-समृद्धि का प्रतीक मानते हैं। सबकी अपनी-अपनी व्यक्तिगत मान्यता है जो उनके एवं उनके परिचितों के अनुभवों पर आधारित है। यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों से बाजार में विविध धातुओं से बने कछुए आकर्षण का केन्द्र है। कोई इसे घर को सजाने में इस्तेमाल कर रहा है तो कोई अपने शो रूम में रखकर ग्राहकों को आकर्षित कर रहा है। सजावट सामग्री के विक्र्रेता अनिल भांगरे और नीरज बर्वे का कहना है कि शादी- विवाह में लगने वाली सजावटी सामग्री के अलावा पूजा घर एवं ड्राइंग रूम के सजावटी सामग्री का विक्रय उनका पुश्तैनी व्यापार है। यही कारण है कि उनकी दुकानों में ही सबसे अधिक फेंगशुई सामग्रियों की मांग की जा रही थी।
लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए उन्होंने हाल ही में दुकान में फेंगशुई काउंटर की अतिरिक्त व्यवस्था की है। बिक्री बढ़ाने और लोगों की जिज्ञासा को शांत करने के लिए जल्दी ही काउंटर में फेंगशुई लिटे्रचर की भी व्यवस्था की जाएगी।
सुख-समृद्धि का प्रतीक
वास्तु शास्त्री मानते हैं कि कछुआ को घर में रखने से सुख शांति व समृद्धि बढ़ती है। सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर में किसी की बुरी नजर नहीं लगती है। कछुआ नजर दोष खत्म करता है।
हर तरह के कछुए
बाजार में हर तरह की धातु से निर्मित कछुए मिल रहे हैं। मात्र 25 रुपए से लेकर दो-तीन हजार रुपए तक के कांच, पीतल, तांबा के कछुए और ऊंगलियों में पहनने के लिए 500 रुपए की चांदी और 30 हजार रुपए तक सोने की अंगूठी भी मिल रही है।
वास्तु दोष निवारण
लोगों का मानना है कि किसी भी धातु से निर्मित कछुआ को घर में रखने से हर तरह के वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है। सात धातुओं से बना कछुआ सर्वोत्तम और वास्तु दोष को खत्म करता है।
ये भी रोचक
यदि पैसों की तंगी है तो क्रिस्टल का कछुआ रखे। बर्तन में पानी भरकर घर अथवा ऑफिस के उत्तर दिशा में रखें और मुंह घर-ऑफिस के अंदर की ओर होना चाहिए।
शयन कक्ष में कभी न रखें। साथ ही दो कछुआ एक साथ न रखें।
मिट्टी का कछुआ घर के उत्तर-पूर्व, मध्य या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए।
भगवान विष्णु का अवतार है कछुवा
शास्त्रीय मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु ने कच्छप - कछुआ अवतार लिया था। इस अवतार में ही उन्होंने समुद्र मंथन के दौरान मंदार पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया था। असुरों व देवताओं ने वासुकी नाग को रस्सी बनाकर मंदार पर्वत का मंथन किया था। इससे समुद्र से 14 रत्न निकले थे। तभी से इनका महत्व अधिक हो गया है।
Published on:
05 May 2018 08:17 pm
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