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श्रृद्धालु घाट में जमी बाढ़ की मिट्टी से हो रहे परेशान

नगर पालिका नहीं दे रहा इस ओर ध्यान

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श्रृद्धालु घाट में जमी बाढ़ की मिट्टी से हो रहे परेशान

श्रृद्धालु घाट में जमी बाढ़ की मिट्टी से हो रहे परेशान

मंडला. जिला मुख्यालय अंतर्गत नर्मदा तट में एक ओर साल दर साल मिट्टी, कापू का पुराव हो रहा है। हर बार बाढ़ से वहां जमीन धंसकने का खतरा मंडराता रहता है। जीवनदायिनी मां नर्मदा के घाट बाढ़ की मिट्टी, सिल्ट में दफन हो रहे है। बारिश के बाद हर साल घाटों में बाढ़ से मिट्टी आकर जमा हो रही है। आलम यह है कि नर्मदा घाट मैदान बनते जा रहे है जिससे नर्मदा घाटों का सौंदर्यीकरण प्रभावित हो रहा है। यहां आने वाले श्रृद्धालुओं को भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक मंडला को जीवनदायिनी मां नर्मदा तीन तरफ से घेरे है। यहां नर्मदा के प्रति लोगों की गहरी आस्था है, धार्मिक ग्रंथों में भी मां नर्मदा का विशेष महत्व है। मां के दर्शन मात्र से लाभ मिलता है और सारे पाप नष्ट हो जाते हैं लेकिन मंडला जिले में प्रशासन नर्मदा घाटों के रख-रखाव पर ध्यान नहीं दे रहा है जिसका परिणाम है कि मंडला जिला मुख्यालय में आधा दर्जन नर्मदा घाट बाढ़ की मिट्टी और कापू में जमींदोज हो गए हैं। साल दर साल मिट्टी घाटों में जमा हो रही है जिसके कारण मंडला जिला मुख्यालय के दो बड़े घाटों में मैदान बन गये है। घाट से 20 से 25 फिट तक मिट्टी जमा हो चुकी है। यहाँ मिट्टी और कापू में घाट दब जाने के कारण घाटों का सौदर्यीकरण प्रभावित हो चुका है।

5 से 6 फिट जमी मिट्टी

मंडला जिला मुख्यालय में राजराजेश्वरी वार्ड से लेकर संगम घाट तक घाटों में मिट्टी जमा हो गई है। सबसे ज्यादा मिट्टी नाव घाट और संगम घाट में जमा हुई है। जिसके कारण यहां घाट से नर्मदा जल के बीच 20 फिट के मैदान हो गये है। मिट्टी की परत 5 से 6 फिट तक की जमी है। इसके अलावा वैद्यघाट, बाबा घाट में भी मिट्टी और सिल्ट से घाट दबे हुये हैं।

स्नान व पूजा में हो रही दिक्कतें

मां नर्मदा के दर्शन और पूजन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते है। खासकर संगम घाट में प्रयाग के पुण्य की मान्यता होने के कारण छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, प्रवेश के बालाघाट, सिवनी, छिंदवाडा से बड़ी संख्या में लोग अस्थि विसर्जन और पूजन के लिए आते है। यहां घाट में मिट्टी जमा होने के कारण पूजन में परेशानी होती है। नाव घाट में भी पूरे शहर से लोग मान और पूजन के लिए आते थे, लेकिन यहां मिट्टी में घाट दबने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या कम हो गई है।

सफाई की मांग

शहर में नर्मदा घाटों में जमा हुई मिट्टी के कारण घाटों में बन मैदान और श्रद्धालुओं की समस्या को देखते हुए कोई प्लान नही बनाया है। हर साल मिट्टी जमा होने पर जनता लगातार घाटों की सफाई की मांग करती है लेकिन प्रशासन के द्वारा घाटों की सफाई के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है। जिससे घाटों की सफाई नही हो रही और घाट से सिल्ट मिट्टी नही हटाई जा रही है।