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मंडला

Video Story :- कैसी जनसुनवाई, कई बार आवेदन देने के बाद भी नहीं हो रहा समस्या का निराकरण

जनसुनवाई को प्रभावी बनाने के प्रशासन के सभी प्रयास नाकाफी, लोग हो रहे परेशान

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मंडला. जनसुनवाई को प्रभावकारी बनाने के लिए प्रशासन द्वारा समय-समय में कई तरह के बदलाव किए गए। कभी सभी विभागीय अधिकारियों को एक साथ योजना भवन में बैठाया गया। कभी अधिकारियों को उनके कार्यालय में ही अपने विभाग से जुड़ी समस्याएं जनसुनवाई के माध्यम से निराकरण की व्यवस्था बनाई गई। तो अब जनसुनवाई में आने वाले आवेदकों को कलेक्टर से लेकर अन्य उपस्थित अधिकारी अपने बाजू में रखी कुर्सी में बैठाकर उनकी समस्याएं पूछ रहे हैं। लेकिन इन तमाम बदलाव के बाद भी जनसुनवाई का मूल उद्देश्य पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है।

औसतन 100 आवेदन पहुंचते है सुनवाई में

पिछले कुछ महीनों में जनसुनवाई में आने वाले आवेदनों की संख्या में जरूर इजाफा हुआ है। प्रति मंगलवार को औसतन 100 आवेदन जनसुनवाई में आ रहे हैं लेकिन आवेदकों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है। यह हम नहीं जनसुनवाई में आने वाले वे आवेदक कह रहे हैं जो अपनी एक ही समस्याओं को लेकर बार-बार जनसुनवाई में पहुंच रहे हैं। कई बार ऐसे आवेदकों को अधिकारी आदतन आवेदक कहकर चलता कर देते हैं तो कभी ऐसे आवेदनों पर ध्यान ही नहीं दिया जाता।

लंबी दूरी तय कर पहुंचते हैं आवेदक

जनसुनवाई में पूर्व में अनुविभाग स्तर पर सुनवाई की जाती रही है। लेकिन प्रमुख अधिकारियों के ना लिमने और समस्या की जल्द सुनवाई ना होने के कारण आवेदक सीधे जिला मुख्यालय मुख्यालय पहुंचकर आवेदन देना पसंद कर रहे हैं। यही कारण है कि 100 किलोमीटर दूर से भी लोग किराये का वाहन करके आवेदन लेकर पहुंच रहे हैं। जब उनकी समस्या का समाधान नहीं होता तो उनका जनसुनवाई जैसी व्यवस्था से विश्वास कम हो रहा है। वहीं कुछ आवेदक बार-बार शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।