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आठ माह में खोले 7200 सुकन्या खाते अभी 95 हजार और खोलना बाकी

सुकन्या योजना में जिलेवासी रुचि नहीं दिखा रहे है

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मंदसौर.
केंद्र सरकार की सुकन्या योजना में जिलेवासी रुचि नहीं दिखा रहे है। डाक विभाग ने जिले को शतप्रतिशत सुकन्या बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाडिय़ों की मदद से अभियान चलाया है। लेकिन अभी लक्ष्य कोसो दूर दिख रहा है। आठ माह में सिर्फ ७२०० खाते सुकन्या में खुल पाए है। जबकि अभी ९५ हजार खाते खोलना बाकी है। हालांकि जिले के ८५ गांव शतप्रतिशत सुकन्या हो गए है लेकिन जिले को सुकन्या बनाने का लक्ष्य अभी दूर है। १ से १० बजे तक की बालिकाओं के इस योजना में खाते खोलने की योजना है। जनजागरुकता के चलते अभिभावक इस योजना में रुचि नहीं ले रहे है। हालांकि विभाग ऐसी बालिकाओं को आंगनवाडिय़ों के माध्यम से चिन्हित कर इस योजना में खाते खुलवाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
हर माह ९०० बालिकाओं के खुल रहे खाते
जिले में 10 वर्ष से कम उम्र की लाडलियों के सुकन्या समृद्धि योजना में खाते खोलने का कार्य अब तेज गति से हो रहा है। हर माह औसतन 900 बालिकाओं के सुकन्या खाते खोले जा रहे है। जिले में 0 से 10 वर्ष की 1.45 लाख बालिकाएं है। इनमें से छह वर्षो में लगभग 50 हजार बालिकाओं के सुकन्या खाते खोले जा चुके है। जिले के 85 गांव ऐसे है जहां पर 0 से 10 वर्ष की एक भी बालिका सुकन्या खाते से वंचित नहीं है। यानि 85 गांव सुकन्या गांव घोषित हो चुके है। अभी जिले में लगभग 95 लाडलियों के खाते खोलना बाकी है, इसके लिए डाकघर के साथ मिलकर महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी और आंगनबाडी कार्यकर्ता भी बालिकाओं के खाते खुलवाने के लिये लोगों को प्रेरित कर रहे है।
५० हजार के खुल चुके है सुकन्या में खाते
सुकन्या योजना में जिले में 10 वर्ष तक की उम्र की सभी लाड़लियों के खाते खोले जा रहे हैं। डाकघर के साथ मिलकर महिला एवं बाल विकास विभाग भी इसके लिए प्रयास कर रहा है। वर्ष 2015 से 30 नवंबर 2021 तक जिले में 49 हजार 262 बालिकाओं के खाते खुल चुके हैं। जिले में अब शेष बची 95 हजार लाड़लियों के खाते खोलने के लिये तेजी से प्रयास चल रहे है। तीन माह पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी लक्ष्य दिया गया था। इसके बाद सुकन्या खाते खुलने में तेजी आई। चलित वित्तीय वर्ष के आठ माह में अब तक 7245 खाते खुल चुके है। आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को लक्ष्य मिलने के बाद शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रो में 0 से 10 वर्ष तक की बालिकाओं के खाते खोलना का कार्य तेजी से हुआ है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर दस्तक दे रही हैं। सुकन्या योजना से वंचित बालिकाओं के माता-पिता को समझाइश देकर इससे जोडक़र वंचित बालिकाओं के खाते खोले जा रहे है। फिलहाल सुकन्या योजना में जिले के 85 गांव सुकन्या बन चुके है। लेकिन जिले को सुकन्या जिला बनाने के लिए अभी 95 हजार बालिकाओं के खाते खोलना बाकी है।
आंगनवाडिय़ों को लक्ष्य मिलने के बाद तेजी से खुल रहे सुकन्या खाते
जिले में सुकन्या योजना में 50 हजार बालिकाओं के खाते खुल चुके हैं अभी लगभग 95 से अधिक बालिकाएं इससे वंचित है। जिले के 85 गांव और दो डाकघर ऐसे हैं जहां सभी बालिकाओं के खाते खुल चुके हैं। जिले में 1700 से अधिक आंगनवाडिय़़ां हैं इनमें सभी कार्यकर्ताओं को अगस्त माह में 60.-60 खातों का लक्ष्य दिया गया था। इसके बाद से ही आंगनबाडी कार्यकर्ता मिशन की तरह जुटी हुई है। पूरे जिले में अभियान चल रहा है।
फैक्ट फाइल
-2015 से अब तक 30 नवबर 2021 तक जिले में 49 हजार 262 सुकन्या खाते खोले जा चुके है।
-एक अप्रल 2021 से से 30 नवंबर तक जिले में 7245 सुकन्या खाते खोले गए।
-मंदसौर जिले के शतप्रतिशत सुकन्या गांव- 85
-जिले को शतप्रतिशत सुकन्या बनाने के लिए खाते खोलना शेष-९५ हजार
-८ माह में सुकन्या में खोले गए खाते- ७२००
जिले को शतप्रतिशत सुकन्या बनाने के लिए चल रहा लक्ष्य
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जिले में वर्तमान में लगभग 50 हजार बालिकाओं के खाते हैं। पूरे जिले को सुकन्या करने के लिए महिला बाल विकास विभाग के सहयोग से अभियान चल रहा है। डाकघर विभाग का अमला भी इसमें लगा हुआ है। जिले में 10 वर्ष तक की सभी बालिकाओं के खाते खोले जाएंगे।जिले में ८५ गांव शतप्रतिशत सुकन्या हो चुके है।-राजेश कुमावतए अधीक्षक, डाकघर
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