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बड़ा अपडेट: चंबल नदी पर बनेगा हाई लेवल ब्रिज, भोपाल भेजा गया डिजाइन

MP News: चंबल नदी पर बनने वाले पुल को अब हाई-लेवल हाईवे स्टैंडर्ड के हिसाब से बनाया जाएगा। ऊंचाई 15 फीट बढ़ जाएगी, जिससे इसकी लंबाई बढ़ जाएगी, जिससे इसकी लागत भी बढ़ जाएगी।

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chambal river high-level bridge construction budget exceeds mp news

chambal river high-level bridge construction in dhaturia mandsaur (फोटो- Patrika.com)

High-level Bridge Construction: मध्य प्रदेश में चंबल नदी (Chambal River) पर बनने वाला पुल अब राजमार्ग मानकों के अनुरूप उच्च स्तरीय पुल होगा। इसके अनुसार डिजाइन में बदलाव किया गया है। ऊंचाई 15 फीट तक बढ़ जाएगी और लंबाई भी बढ़ जाएगी, जिससे लागत अधिक हो जाएगी। विभाग से पत्र मिलने के बाद बढ़ी लागत को लेकर चर्चा चल रही है। डिजाइन को मंजूरी के लिए भोपाल भेजा गया है। बजट और डिजाइन स्वीकृत होने के बाद काम शुरू हो जाएगा। चंबल नदी पर बने इस पुल के 2019 की बाढ़ में क्षतिग्रस्त होने के बाद से इसके निर्माण का इंतजार किया जा रहा था। पहले सबमर्सिबल ब्रिज स्वीकृत हुआ था। (mp news)

वर्कऑर्डर के बाद काम नहीं हुआ शुरू

मंदसौर के धतुरिया में बनने वाले पुल को मंजूरी मिल गई थी और 27 जून 2024 को कल्याण टोल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 20.83 करोड़ रुपये का कार्य आदेश जारी किया गया था। हालांकि, काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ठेका कंपनी ने पुराने पुल को तोड़ने और मिट्टी परीक्षण करने सहित काम शुरू कर दिया था। इसी बीच सबमर्सिबल की जगह हाई लेवल ब्रिज बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई और डिजाइन बदल दिया गया. अब प्रक्रिया पूरी हो गई है और जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग (जीएडी) को भी मंजूरी मिल गई है। इसलिए पुराने टेंडर के हिसाब से वही कंपनी काम करेगी, लेकिन नई डिजाइन और बढ़ी हुई लागत के साथ।

मिट्टी का डेम बनाकर बनाए जाएंगे पिलर

2019 में पुल ढहने के बाद मध्य प्रदेश ब्रिज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने कई बार टेंडर जारी किए. पांच बार कोई आगे नहीं आया. छठे प्रयास में कल्याण कंपनी इंदौर ने टेंडर जीत लिया। कंपनी ने मृदा परीक्षण कर काम भी शुरू कर दिया था। विभाग ने अब काम रोक दिया है और डिजाइन में बदलाव कर इसे मानकों के अनुरूप बना दिया है। नया एस्टीमेट तैयार होते ही काम फिर से शुरू हो जाएगा। चूंकि नदी में पानी है, इसलिए मिट्टी का बांध बनाया जाएगा और पुल के पिलर पाइल फाउंडेशन तकनीक से बनाए जाएंगे।

मप्र-राजस्थान के लोग हो रहे परेशान

2009 में चंबल नदी पर पुल बनने के बाद राजस्थान व मप्र के बीच यातायात में वृद्धि हो गई थी। मंदसौर से चौमहला, डन, सुसनेर आगर खिलचीपुर राजगढ़, ब्यावरा जाने के लिए कम दूरी का मार्ग था। 2019 में अतिवृष्टि के चलते पुल बह गया। इसके बाद से दोनों राज्यों का आवागमन बाधित है और लोग परेशान है। इससे 60-70 किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। समय व धन की वर्षादी हो रही है। कई लोग जान जोखिम में डालकर चंबल की लहरों पर नाव व स्टीमर में सवार होकर नदी पार कर रहे है। (mp news)

डिजाइन भेजा, जीएडी भी हो गया

अब पुल पहले वाली डिजाइन से करीब 15 फीट अधिक ऊंचा बनेगा। इससे लंबाई भी बढ़ेगी। नया डिजाइन बनाकर भोपाल भेज दिया है। डिजाइन बदलने से लागत बढ़ेगी। अभी उस पर काम चल रहा है। इसका जीएडी भी हो चुका है। अब एक-दो माह में कार्य शुरू होने की संभावना है। पूर्व में हुए टेंडर वाली कंपनी को ही नए डिजाइन के अनुसार काम करना है। - प्रवीण नरवरे, एसडीओ, मप्र सेतु निर्माण विभाग, मंदसौर