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15 मई तक की डेटलाइन, पंप हाऊस काम नहीं हुआ काम तो शहर को बाढ़ से बचाना हो जाएगा मुश्किल

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मंदसौर.
वर्ष २०१९ में आई बाढ़ में शिवना का पानी शहर में पहुंचने के बाद जर्जर पंप हाऊस की जगह नए पंप हाऊस की मांग उठी तो इस पर काम भी शुरु हुआ। सरकार ने आपदा प्रबंधन से पंप हाऊस के लिए १५ करोड़ की राशि दी। लेकिन लेटलतीफी में जीएसटी सहित अब पंप हाऊस का निर्माण २० करोड़ ४८ लाख में होगा। यानी ५ करोड़ ४८ लाख रुपए नपा को वहन करना होंगे। दो जगह काम चल रहा है और धीमी गति के कारण बारिश से पहले इसके तैयार होने में संदेह है। हालांकि नपा ने ठेकेदार को १५ मई तक हर हाल में इसे पूरा करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है। लेकिन जिस गति से काम चल रहा है उसी से काम हुआ तो शहर को बाढ़ से बचाना मुश्किल हो जाएगा।


बारिश से पहले दोनों पंप हाउस का निर्माण पूरा नहीं हुआ तो कुछ घंटों की वर्षा से ही शहर में बाढ़ के हालात बन जाएंगे। नपा द्वारा पुराने पंप हाउस को तोडक़र नए बनाए जा रहे है। जून माह में वर्षा प्रारंभ हो जाती है। इसी को देखते हुए नपा ने ठेकेदार के 15 मई तक काम पूरा करने की समय सीमा दी है, लेकिन अब तक फाउंडेशन स्तर का ही काम चल रहा है। इस काम के लिए अब सिर्फ दो माह का समय बचा है। शहर के धानमंडी एवं किला क्षेत्र में पुराने पंप हाउस को तोडक़र नगरपालिका द्वारा बनाए जा रहे नए पंप हाउस का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है। अक्टूबर माह में ही पंप हाउस निर्माण के लिए मिट्टी परीक्षण हो गया था। इसके बाद निर्माण शुरू करने में देरी हुई। पंप हाउस के पंपों से ही शहर के नालों के पानी को शिवना नदी में पपिंग किया जाता है। जून माह में बारिश हो जाती है। अब पंप हाउस की बिल्डिंग, मशीनरी फिटिंग, पंप टेस्टिंग सहित अन्य कार्य पूरे करने में नपा के पास कम समय बचा है।
2019 में हुई अतिवृष्टि में डूब गया था आधा शहर
वर्ष 2019 में हुई अतिवृष्टि में शहर के धानमंडी, पतासा गली, शुक्ला चौक, सदर बाजार, कालीदास मार्ग, सम्राट मार्केट सहित शहर के अन्य क्षेत्रों में दो से 3 फीट तक पानी भर गया था। दुकानों व मकानों में नुकसान हुआ था। उस समय धानमंडी व अन्य क्षेत्रों में नाव चलाना पड़ी थी। अधिक वर्षा होने पर धानमंडी के पंप हाउस का पंप हाउस भी पानी में डूब गया था। इसी के बाद नए पंप हाऊस निर्माण की दिशा में प्रक्रिया के बाद अब काम शुरु हुआ है।
अत्याधुनिक पंप हाऊस से ऐसे बाढ़ से बचेगा शहर
इंदौर की सीएमआर इंफ्रास्ट्रेक्चर कंपनी को दोनों पंप हाऊस निर्माण का काम दिया है। जीएसटी सहित २० करोड़ ४८ लाख में यह काम होगा। बारिश में बिजली बंद अक्सर हो जाती है। ऐसे में इसे जनरेटर सिस्टम से ही चलाया जाएगा। धुलकोट क्षेत्र में १२० एचपी के ४ पंप लगेगे और एक एक्सट्रा रहेगा। इसकी ४३५ लीटर पर सेंकट पानी फेंकने की क्षमता है तो वहीं किला क्षेत्र में इससे भी अधिक २४० एचपी के पंप लगाए जाएंगे। यहां ५ पंप व १ एक्सट्रा पंप लगेगा। इसकी क्षमता १०७८ लीटर पानी पर सेंकट बाहर फेंकने की क्षमता होगी। फाउंडेशन का का होने के बाद पंप स्टॉल करने का काम करते हुए इसे चलाने का काम किया जाएगा। बारिश के बाद पंप हाऊस का स्टॉफ क्वार्टर से लेकर रोड सहित अन्य फिनिशिंग का काम भी करना है इसके लिए उसे अक्टूबर तक का समय दिया गया है। १५ मई तक चालू स्थिति में दोनों पंप हाऊस करने का अल्टीमेटम दिया गया है।


१५ मई तक हर हाल में पूरा करना है पंप हाऊस
२०.४८ करोड़ की लागत में दो पंप हाऊस का निर्माण चल रहा है। ठेकेदार को हर हाल में १५ मई तक काम पूरा करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है। बेस तैयार करने के बाद पंप का स्टॉल कराने का काम किया जाएगा। -सुधीर कुमारसिंह, सीएमओ