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गांधीसागर की घास को अवैध रुप से 13 गांवों के 30 हजार मवेशी हर दिन कर रहे चट

गांधीसागर की घास को अवैध रुप से 13 गांवों के 30 हजार मवेशी हर दिन कर रहे चट

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मंदसौर.
पर्यटन को बढ़ावा देने से लेकर चीता प्रोजेक्ट को लेकर गांधीसागर अभयारण में वन विभाग का अमला घास के मैदान बढ़ाने के लिए लंबे समय से काम कर रहा है और हर दिन आसपास के १३ गांवों के ३० हजार से अधिक मवेशी इस घास को अवैध रुप से चट करते हुए अभयारण को नुकसान पहुंचाकर हमारी तैयारियों को बिगाड़ रहे है। खुले क्षेत्र में बजट के अभाव में बाउंड्रीवॉल नहीं बन पा रही है जो है उसे भी तोडक़र मवेशी छोड़े जा रहे है। ऐसे में इन मवेशियों को रोकने के लिए एक साल से विभाग की चली आ रही कवायद सफल नहीं हो रही है अब जब विभागीय अमला रोकने पहुंचा तो उन पर ग्रामीणों ने पथराव करते हुए हमला कर दिया।


गांधीसागर की घास खिलाकर लाभ कमा रहे पशुपालक
इस क्षेत्र के ग्रामीण पशुपालन कर रहे है लेकिन सिर्फ दूध निकालकर बेचने तक। मवेशियों को आहार की पूर्ति गांधीसागर अभयारण से करते है। पशु लाकर हर दिन अभयारण में चरने के लिए छोड़ देते है और लाभ वह खुद कमा रहे है। ऐसे में जब विभाग ने रोकने की कोशिश की तो पशुपालको ने हमला कर दिया। गांधीसागर अभयारण में पिछले दो सालों से चीता प्रोजेक्ट से लेकर चीतल को बसाने व पर्यटन को बढ़ाने के देने के लिए तैयारियंा चल रही है लेकिन पशुपालको द्वारा इस तरह छोड़े जा रहे मवेशी अभयारण को हर दिन नुकसान पहुंचाते हुए तैयारियां को कम कर रहे है।


८५० टन घास हर दिन कर रहे चट
गांधीसागर वन विभाग के विकास माहोर ने बताया कि १३ गांवों के करीब ३० हजार मवेशी हर दिन अवैध रुप से ग्रामीण अभयारण में छोड़ रहे है। बाउंड्री तोडक़र अंदर भेज रहे है। रावलकुंडी में अधिक मूवमेंट है। औसत आधार पर देखे तो यह मवेशी हर दिन अभयारण की ८५० टन घास चट कर रहे है। अभयारण में छोडऩा अवैध है। चीता प्रोजेक्ट से लेकर पर्यटन व चीतल के लिए विभाग यहा घास उगाने के लिए लंबे समय से काम कर रहा है और यह इस तरह नुकसान पहुंचा रहे है। जो ग्रामीण मवेशी पाल रहे है यह अपने पास से मवेशियों को घास या उनके आहार की पूर्ति नहीं करते है। अभयारण अवैध रुप से छोड़ देते है। इससे अभयारण को नुकसान पहुंच रहा है।


अमले पर पथराव कर अधिकारी पर बाइक चढ़ाने की थी कोशिश
जिले के गांधीसागर अभयारण में एक दिन पहले मवेशी चराने को रोकने के लिए पहुंचे वन विभाग के अमले ने ग्रामीणों ने हमला करते हुए पथराव कर दिया था। अधिकारी और कर्मचारियों पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया है। बड़े-बड़े पत्थर से वाहनों के शीशें टूट गए तो कर्मचारी भी बाल-बाल बचे। इस दौरान एक ग्रामीण ने वन विभाग के अधिकारी पर बाइक चढ़ाने की कोशिश भी की। ग्रामीणों द्वारा मवेशी चराने को लेकर घटना रावली कुंड स्थित बाउंड्री वाल को तोडक़र की जा रही है। ग्रामीणों के हमले के बीच जैसे-तैसे घटनास्थल से वन अमला अपनी जान बचाकर भागने में सफल हुआ। इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला। वीडियो के आधार पर वन्यजीव संरक्षण में भी विभाग ने कार्रवाई की और पुलिस ने भी मामले में एफआईआर दर्ज की।


एक साल से कर रहे बैठक
एक साल से ग्रामीणों के बीच बैठक कर उन्हें अभयारण में मवेशियों को नहीं छोडऩे को लेकर समझा रहे है। १३ गांव के ३० हजार मवेशी है जो गांधीसागर अभयारण को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे पर्यटन को विकसित करने से लेकर चीता प्रोजेक्ट की तैयारियों में भी बाधा हो रही है। बाउंड्री को तोडक़र अंदर मवेशी चरने के लिए ग्रामीण छोड़ देते है। हमले के बाद वीडियो के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई है। -आदेश श्रीवास्तव, डीएफओ