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नए साल में गरोठ बने जिला तो रेलवे के डबलीकरण से लेकर मेडिकल कॉलेज व पशुपतिनाथ लोक की आस

नए साल में गरोठ बने जिला तो रेलवे के डबलीकरण से लेकर मेडिकल कॉलेज व पशुपतिनाथ लोक की आस

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नए साल में गरोठ बने जिला तो रेलवे के डबलीकरण से लेकर मेडिकल कॉलेज व पशुपतिनाथ लोक की आस

नए साल में गरोठ बने जिला तो रेलवे के डबलीकरण से लेकर मेडिकल कॉलेज व पशुपतिनाथ लोक की आस

मंदसौर.
कई उम्मीदों व सपनों के साथ आज नए वर्ष २०२३ की शुरुआत हो गई है। इस नए साल से जिलेवासियों को ढेरों उम्मीदें है। आने वाला वर्ष चुनावी वर्ष है। ऐसे में मंदसौर सहित जिले की चारों विधानसभा क्षेत्र के लोगों को इस साल से सौगातों की आस है तो अब तक अधूरे सपनों के भी नए साल में पूरा होने और अधूरे पड़े अधोसंरचना के विकास कार्यों को पूरा होने की उम्मीद है। सडक़, पुल-पुलियाओं से लेकर कई ऐसे अहम मुद्दें है जो मंजूरी के बाद भी पूरा होने की आस लगाए बैठे है। सिंचाई से लेकर सडक़, पुल-पुलियाओं से सिंचाई व पेयजल की योजनाओं के अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं के करोड़ों के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। नए साल में यह सौगातें मिलें तो जिले के विकास को पंख लगेंगे। वहीं कृषि व मसाला आधारित उद्योगों की भी जिले को आस है। जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
गरोठ के जिला बनने से लेकर पशुपतिनाथ लोक की आस
पिछले कई सालों से गरोठ को जिला बनाने की मांग चली आ रही है। रियासतकाल में जिला रहे गरोठ को जिले का दर्जा दिए जाने का मामला लंबे समय से चला आ रहा है। जिला मुख्यालय से अधिक दूरी होने के अलावा अन्य संभावनाएं है। ऐसे इस चुनावी वर्ष में गरोठ को जिले का दर्जा मिलने के साथ उज्जैन में महाकाल लोक की तर्ज पर मंदसौर में पशुपतिनाथ लोक बनने की दिशा में साल के अंत में कदम आगे बढ़े है और सीएम ने घोषणा भी की है तो उम्मीद है कि मंदसौर में पशुपतिनाथ लोक की सौगात भी नए साल में मिलेंगी।
ओवरब्रिज से लेकर अहम पुलिया की नए साल में मिलेगी सौगात
शहर में ओवरब्रिज व शिवना पर पुलिया का मामला अधर में अटका हुआ है। शिवना नदी पर मुक्तिधाम के यहां बन रही बड़ी पुलिया के ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड किया गया तो संजीत फाटक पर बन रहा ओवरब्रिज भी अटका। वहीं पिपलियामंडी ओवरब्रिज भी धीमी गति से चल रहा है। इतना ही नहीं सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में राजस्थान को जोडऩे वाली चंबल पुलिया जो बाढ़ में बह गई थी। उसके भी शुरु होने का इंतजार है। विकास के इन बड़े और करोड़ों के प्रोजेक्ट के अधूरे होने के कारण लोगों को इन सुविधाओं के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में शहर से लेकर पूरे जिले में इन अहम प्रोजेक्ट के पूरा होने की आस है।
शिवना शुद्धिकरण की मिलेगी सौगात तो सीवरेज की मंजूरी का इंतजार
दो दशक से शिवना शुद्धिकरण का शहर के लोगों को इंतजार था। केंद्र के नमामि गंगे प्रोजेक्ट में ३० करोड़ के इस काम का भूमिपूजन तो हुआ अब इस साल में इसके पूरा होने की आस है जिससे नदी फिर से स्वच्छ दिखेगी तो वहीं १६४ करोड़ का सीवरेज प्रोजेक्ट कई सालों से फाइलों में ही उलझा हुआ है। ऐसे में अमृत में शामिल किए जाने के बाद नए साल में मंजूरी की उम्मीद है। दोनों प्रोजेक्ट शहर के लिए अहम है तो शिवना शुद्धिकरण जिलेवासियेंा के लिए अहम है।
चंबल से लेकर सिंचाई परियोजना के प्रोजेक्ट अधूरे
शहर की प्यास बुझाने के लिए ५५ करोड़ के चंबल प्रोजेक्ट का काम अब भी अधुरा है। पांच सालों बाद भी चंबल प्रोजेक्ट अधूरा है। चंबल का पानी मंदसौर तो आया लेकिन काम अब भी अधूरा पड़ा है। वहीं अमृत में ११ करोड़ के नए फिल्टर प्लांट की मंजूरी का भी नए साल में इंतजार है। इसके अलावा शामगढ़ व सुवासरा से लेकर गरोठ क्षेत्र में सिंचाई की करोड़ों की परियोजनाओं का काम चल रहा है लेकिन अधूरा है। चुनावी वर्ष में इनके पूरा होने का इंतजार है। ऐसे में जलापूर्ति से लेकर सिंचाई के जिले के विकास से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट भी इस साल पूरे नहीं हो पाए और अधूरे ही है।
एक्सप्रेस वे, डबलीकरण और मेडिकल कॉलेज से मिलेगी सौगात
रतलाम-नीमच बलीकरण के लिए १ हजार ८५ करोड़ रुपए की मंजूरी केंद्र सरकार ने दी। इस पर काम शुरु हुआ। समय-सीमा में इसके पूरा होने का इंतजार है। इसके पहले ही इलेक्ट्रिफिकेशन का काम इस ट्रैक पर हो चुका है। ऐसे में अब यह ट्रैक और हमारा क्षेत्र भी देशभर के बड़े शहरों से सीधा जुड़ेगा तो नए अवसर भी बढ़ेगें। वहीं ३२५ करोड़ रुपए में मेडिकल कॉलेज की मंजूरी मिलने के बाद काम शुरु हो गया है। इस साल अधिकांश काम पूरा हो जाएगा। वहीं इस नए साल में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस से लेकर गरोठ-उज्जैन फोरलेन की सौगात भी मिलने की उम्मीद जिलेवासियों को है। इन अहम प्रोजेक्ट का जिले में तेजी से काम चल रहा है। जो जिले के विकास को पंख लगाएगा।