
मंदसौर/ माफियाराज को खत्म करने के लिए मध्यप्रदेश में लगातार कार्रवाई जारी है। इस कड़ी में देश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय अफीम तस्कर के ऊपर कार्रवाई हुई है। गुरुवार को मंदसौर में उसके 30 करोड़ी की हवेली को प्रशासन ने चंद घंटों में ही धवस्त कर दिया है। इस सबसे बड़े तस्कर नाम मोहम्मद शफी है। जिसके अवैध बंगले की इंटीरियर देख अफसरों की आंखें चौंधिया गई।
मोहम्मद शफी पिछले बीस सालों से फरार चल रहा है। यह बंगला उसके भाई मोहम्मद अयूब के बेटों जफर इकबाल और मोहम्मद इरफान के नाम पर है। बंगले की इंटीरियर पर ही शफी ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। गुरुवार को कार्रवाई से पहले जब अफसरों की टीम शफी के हवेली के अंदर घुसी तो महंगे फर्नीचर और इंटीरियर को देख नजरें नहीं हट रही थी।
मोहम्मद शफी के भाई के बेटों ने इस बंगले का निर्माण अवैध तरीके से कराया था। इसके निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च किए थे। बंगले की चर्चा पूरे इलाके में होती थी। अगर किसी को बंगले अंदर प्रवेश की इजाजत मिल जाती थी तो अंदर का डिजाइन उसके लिए किसी दिवा स्वपन से कम नहीं होता था।
लग्जरी चीजों की भरमार
बंगले के अंदर लग्जरी लाइफ जीने के लिए वह तमाम सुख-सुविधाएं मौजूद थी, जिसे पाने में एक आम आदमी की जिंदगी गुजर जाती है लेकिन वह पूरा नहीं कर पाता है। लेकिन महंगे ब्रांडों की तमाम चीजें मोहम्मद शफी के घर में मौजूद था। जिसकी चमक देख आपकी नजरें नहीं हटेंगी।
फाइव स्टार होटल से कम नहीं
शफी के बंगले के अंदर जो व्यवस्थाएं वह फाइव स्टार होटल के लग्जरी रूम की तरह थी। महंगे फर्नीचर से लेकर विदेशी ब्रांडों के पंखे और एसी भी घर में लगे थे। एक-एक सोफे और बेड की कीमत लाखों रुपये में हैं। शायद मंदसौर जैसे शहर में मिलते भी नहीं हैं। चर्चा है कि शफी के भतीजों ने इन फर्नीचर्स को विदेशों से मंगवाए थे।
35 केस हैं दर्ज
अंतरराष्ट्रीय अफीम तस्कर मोहम्मद शफी और उसके दो भाई मोहम्मद अय्यूब और मोहम्मद एहसान के खिलाफ विभिन्न थानों में 35 केस दर्ज हैं। इसमें शफी के खिलाफ ग्यारह केस दर्ज हैं। वहीं मोहम्मद अय्यूब के खिलाफ बीस प्रकरण दर्ज हैं जबकि मोहम्मद एहसान के खिलाफ चार प्रकरण दर्ज है।
1998 से फरार है शफी
दरअसल, 1998 में नारकोटिक्स विभाग ने 32 किलो 100 ग्राम हेरोइन जब्त की थी। इसमें मोहम्मद शफी का नाम सामने आया था। उसके बाद से वह फरार है। 2005 में कलेक्टर ने उसके संपत्ति को फ्रीज करने का आदेश दिया था। लेकिन स्टे आने से अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई थी। यह मकान महू-नीमच रोड पर स्थित है।
कोर्ट से नहीं मिला स्टे
मोहम्मद शफी के भतीजों ने कोर्ट में यह दलील दी थी कि वे यहां या फिर मोहम्मद अय्यूब इस घर में नहीं रहते हैं। इसके निर्माण के लिए सभी विभागों से अनुमति भी ली गई थी। इस पर कोर्ट ने नगर निगम से पूरे मामले पर जवाब मांगा। जिसमें नपा ने कई खामियां बताईं। उसके बाद कार्रवाई के आदेश दिए गए। और नगर निगम की टीम में बंगले को मलबे में तब्दील कर दिया।
Published on:
27 Dec 2019 08:49 pm
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