
मंदसौर सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों की करतूत (फोटो सोर्स : पत्रिका)
MP News: चार दिन से भर्ती एक वृद्ध मरीज जब डिस्चार्ज के बाद भी अस्पताल से नहीं गया, तो प्रबंधन ने उसे बोरे में भरकर बस स्टैंड पहुंचा दिया। मानवता को शर्मसार करने वाली करतूत मंदसौर जिला अस्पताल में सामने आई। दरअसल, मंदसौर बस स्टैंड के पास रहने वाले बाबूलाल को खून की कमी और कमजोरी के चलते भर्ती कराया गया था। तीन दिन बाद उसे दो अस्पताल कर्मचारी बोरे में भरकर बस स्टैंड ले जाते दिखे। वृद्ध बोलने की स्थिति में नहीं था। इसका वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। वहीं आनन-फानन में उसे वापस लाकर अस्पताल के संक्रमण वार्ड में भर्ती कर दिया गया।
वायरल वीडियो में दो आउटसोर्स कर्मचारी कमलेश टाक और आकाश गोहर की पहचान हुई है। सूत्रों के अनुसार, वे डॉक्टर के कहने पर वृद्ध को छोड़ने गए थे। फिलहाल प्रबंधन इस मामले से खुद को अलग करने में जुटा है।
मरीज बाबूलाल (72) मंदसौर में बस स्टैंड के पास ही रहते हैं। उनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है। तीन-चार दिन पहले कमजोरी और खून की कमी के चलते भर्ती कराया गया था। तीन दिन उसका इलाज हुआ, फिर गुरुवार की शाम उसे डॉक्टरों ने पूरी तरह स्वस्थ बताकर जाने की सलाह दी।
असहाय वृद्ध बाबूलाल ने सेहत ठीक नहीं लगना बताते हुए कुछ दिन और इलाज जारी रखने की मांग की। इसके बाद भी उसे मनमाना डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद भी जब वृद्ध ने अस्पताल से बाहर करने पर विरोध किया तो अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारी कमलेश टाक और आकाश गोहर उसे बोरे में भरकर बस स्टैंड में छोड़ आए।
Updated on:
26 Jul 2025 02:55 pm
Published on:
26 Jul 2025 02:51 pm
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