
Mandsaur Rape Case Decision: 8 साल की मासूम से सामूहिक दुष्कर्म केस में ट्रायल कोर्ट के फैसले का दिखा विरोध, मंदसौर में पसरा सन्नाटा. (Image Saurce: patrika.com)
Mandsaur Rape Case: मंदसौर में 8 साल की बच्ची मासूम के साथ दुष्कर्म के मामले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था, 55 दिन तक सुनवाई कर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ट्रायल कोर्ट में चले इस मामले ने कोर्ट ने फांसी की सजा को मृत्युपरंत तक उम्र कैद की सजा में बदल दिया है। लेकिन बच्ची के पिता, परिवार समेत पूरे मंदसौर में ट्रायल कोर्ट के इस फैसले का विरोध हो रहा है। विरोध स्वरूप आज पूरा मंदसौर बंद रखा गया है। व्यापारियों ने अपनी दुकानें नहीं खोलीं है। सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं।
दिल दहला देने वाला ये मामला जून 2018 का है। जब मंदसौर में 8 वर्षीय मासूम के दो वहशियों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। घटना से प्रदेश ही नहीं पूरा देश स्तब्ध था।
मासूम से रेप के इस मामले में रिकॉर्ड 55 दिन में सुनवाई की गई। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। मामला हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने भी विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की फांसी की सजा को बरकरार रखा।
हाईकोर्ट के बाद मंदसौर रेप के आरोपियों को मिली फांसी की सजा का ये मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो अपील पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपियों की फांसी की सजा को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मामला ट्रायल कोर्ट को सौंपते हुए कुछ बिंदुओं पर फिर से सुनवाई का आदेश जारी किया था। ट्रायल कोर्ट ने सोमवार को सुनाए फैसले में फांसी की सजा को निरस्त करते हुए दोनों आरोपियों को मृत्यु पर्यंत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिसका विरोध शुरू हो गया है।
इस मामले का विरोध सोशल मीडिया से लेकर मंदसौर के चौक-चौराहों तक पर नजर आ रहा है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि दोनों दरिंदों ने मासूम के साथ जो हैवानियत की है उसकी सजा सिर्फ फांसी ही होना चाहिए।
वहीं ट्रायल कोर्ट के फैसले के बाद अब एमपी पुलिस अधिकारी और अभियोजन अधिकारी इस फैसले के खिलाफ अपील की तैयारी कर रहे हैं। मासूम के पिता भी कोर्ट के इस फैसले जरा भी संतुष्ट नहीं हैं।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष हितेश शुक्ला का कहना है कि, एक बेटी के साथ वहशी हरकत करने वालों की फांसी को ताउम्र जेल में बदल दिया गया। इस सिस्टम में फिर कोई किरदार आए और अच्छे आचार व्यवहार के नाम पर वहशी दरिंदों को फिर खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया जाएगा। तो कोई नई बात नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया दो दिन गरियाने लगेगा। मीडिया जगाने की पूरी कोशिश करेगा, लेकिन मशीनी हो चुका समाज जो किसी भी फैसले को बदलवाने की ताकत रखता है वह, सोया हुआ ही रहेगा तो कोई क्या करेगा।
पीड़ित मासूम के पिता का कहना है कि वे इस फैसले से जरा भी संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने एक बार फिर से मांग दोहराई है कि दोनों दरिंदों को फांसी की सजा ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटी को न्याय दिलाने के लिए आगे तक लड़ूंगा।
दीप्ति कनासे (विशेष लोक अभियोजक) अभियोजन इस मामले में आगे अपील करेगा। अभियुक्तों को फांसी की मांग करेंगे। यशपालसिंह सिसौदिया (प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा) के मुताबिक, राज्य शासन, विधि विभाग और पुलिस प्रशासन को न्यायालय के फैसले का अध्ययन कर फिर से फांसी मिले इस हेतु अपील करना चाहिए।
कोर्ट के फैसले का विस्तृत अध्ययन कर रहे हैं। इस मामले में पहले भी फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। इसकी अपील कर फिर से फांसी की मांग करेंगे।
-मनोज कुमार सिंह, डीआईजी, रतलाम रेंज
Updated on:
04 Jul 2025 04:17 pm
Published on:
04 Jul 2025 12:37 pm
बड़ी खबरें
View Allमंदसौर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
