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सम्राट यशोधर्मन की अनोखी प्रतिमा के साथ अपने इतिहास पर गौरव करेगा मंदसौर

सम्राट यशोधर्मन की अनोखी प्रतिमा के साथ अपने इतिहास पर गौरव करेगा मंदसौर

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सम्राट यशोधर्मन की अनोखी प्रतिमा के साथ अपने इतिहास पर गौरव करेगा मंदसौर

सम्राट यशोधर्मन की अनोखी प्रतिमा के साथ अपने इतिहास पर गौरव करेगा मंदसौर


मंदसौर.
मंदसौर का गौरव बढ़ाने वाले सम्राट यशोधर्मन की अनोखी प्रतिमा के साथ मंदसौर अपने इतिहास पर गौरव करेगा। ओरों से अलग विशेष रुप से उनकी प्रतिमा तैयार हो रही है जो ८ दिसंबर सम्राट की हुणों पर विजय वाले दिन शहर में स्थापित होगी और इसी के साथ इस दिन शहर अपना गौरव दिवस मनाएगा। प्रतिमा कई कारणों से अनोखी है। कई दिनों के मंथन और इतिहास को खंगालने के बाद प्रतिमा तैयार हो रही है। इसमें यह खास ध्यान रखा जा रहा है कि यह ओरों से अलग होगी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इसका लोकार्पण करेंगे। इस प्रतिमा का आधा काम हो भी चुका है। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि यह प्रतिमा कहा स्थापित होगी।


शेर का निशान, जनेऊ व धनुष बनाएगा प्रतिमा को ओरों से अलग
८ दिसंबर को हुणों पर सम्राट यशोधर्मन की विजय के चलते इसीदिन गौरव दिवस मनाया जाएगा। इसमें सम्राट की प्रतिमा भी विशेष रुप से तैयार हो रही है। पहली बार ऐसा होगा कि कोई राजा या सम्राट की प्रतिमा घोड़े पर सवाल नहीं होगी। घुड़सवारी के बिना ही प्रतिमा बन रही है तो वहीं उनके हाथ में धनुष भी होगा जो सामान्यत राजाओं व सम्राटों के हाथों में नहीं होता है। वहीं ब्राह्मण होने के कारण उन्हें जनेऊ धारण कराई जा रही है तो वहीं अफजलपुर व सौंधनी से मुकूट से लेकर उनके वस्त्र व आभूषण तय किए गए है। जो प्रतिमा में दिखेंगे। वहीं सम्राट होने के कारण उन्हें बलवान भी प्रतिमा में दिखाया जा रहा है। कलात्मकता भी इसमें दिखेगी। वहीं करीब साढ़े ८ फीट की स्थापित होने वाली प्रतिमा के लिए इतना ही बड़ा स्टैंड तैयार किया जाएगा और प्रतिमा को सम्राट के शेर वाले प्रतीक चिंह जिन्हें सौंधनी से लिया गया है। उस पर स्थापित की जाएगी। धनुष से लेकर प्रतीक चिंह आभूषण से लेकर बिना घोड़े के और जनेऊ इस प्रतिमा को ओरों की प्रतिमा से अलग बनाएगी। जो आकर्षण का केंद्र रहेगी।


२० लाख में प्रतिमा के साथ तैयार होगा उद्यान
गौरव दिवस की तैयारियों के साथ सम्राट यशोधर्मन की प्रतिमा स्थापित करने की बात चली। हुणों पर विजय के साथ यशोधर्मन ने मंदसौर का मान बढ़ाया था। सम्राट होने के बाद भी अब तक शहर में कही पर उनकी प्रतिमा नहीं है। जबकि अन्य की चौराहों पर लगी है। सालों पहले प्रतिमा लगाने की बात चली थी। लेकिन काम इस पर अब हुआ। शहर में प्रतिमा लगने के कारण प्रशासन ने यह काम नपा को सौंपा है। नपा ने २० लाख रुपए में इसका टैंडर भी दे दिया है। ग्वालियर में प्रभात राय के यहां मूर्ति तैयार हो रही है और आधा काम हो चुका है। अष्टधातु की प्रतिमा बनकर तैयार होगी। नपा व प्रशासन द्वारा बनाई जाने वाली कमेटी ग्वालियर प्रतिमा को देखने पहुंचेगे। इधर नपा को प्रतिमा लगाने के साथ यहां उद्यान भी विकसित करना है।


स्थान पर बना हुआ अब तक संशय
शहर में लगने वाली सम्राट यशोधर्मन की प्रतिमा पर काम शुरु हो चुका है। लेकिन स्थापित जहां करना है उसे स्थान को लेकर अब तक संशय बना हुआ है। इसे लेकर बैठक से लेकर निरीक्षण हो चुके है लेकिन स्थल अब तक तय नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि मंडी रोड पर होमगॉर्ड वाली जमीन के साथ ही नयाखेड़ा बायपास से लेकर गुराडिय़ा बायपास चौराहा के साथ मेडिकल कॉलेज वाले बायपास चौराहें पर स्थापित करने को लेकर ही निर्णय होना है। इसमें से किसी एक जगह का स्थान तय होना है लेकिन उसी में राजनीति खींचतान के कारण अब तक निर्णय नहीं हो पाया है। आगामी दिनों में होने वाले बैठक में स्थान तय होना है।