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चार बार मंदसौर आए थे संत तरूणसागर मसा

locationमंदसौरPublished: Sep 02, 2018 01:01:59 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

चार बार मंदसौर आए थे संत तरूणसागर मसा

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चार बार मंदसौर आए थे संत तरूणसागर मसा

मंदसौर.
दिगम्बर जैन संत तरूणसागर मसा चिरनिंद्रा में लीन हो गए। गतदिवस तडक़े 3.14 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वे तीन बार मंदसौर आए थे। मंदसौर के धर्मालुजनों के अनुसार उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि वे जैन संत से जन संत के रूप में प्रसिद्ध हो गए। उन्होनें अपनी धर्मसभाओं में धर्म, जाति, सम्प्रदाय की दीवारों को तोडक़र भारी जनसमुदाय को आकर्षित कर लोकप्रियता का कीर्तिमान स्थापित किया।


धर्मसभा में आए थे पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल
चन्द्रविनोद सेंगर ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष-1988 में दीक्षा लेने के बाद पहली बार उनका शहर में मंगल प्रवेश हुआ था। इसके बाद वर्ष-1989 में संत तरुणसागर मसा मंदसौर आए थे। वे यहां करीब 2 माह रुके थे। इस दौरान शहर के बंडीजी के बाग में पंचकल्याणक महोत्सव का आयोजन हुआ था। वर्ष-2002 में भी वे मंदसौर में 2 माह रुके थे। उनकी धर्मसभा प्रतिदिन पुरानी कृषि मंडी में हुआ करती थी। इन धर्मसभाओं में मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह और पूर्व राज्यपाल डॉ. भाई महावीर भी शामिल हुए थे। वहंी वर्ष-2010 में वे 15 दिन मंदसौर के प्रवास पर रहे। उनकी धर्मसभा का आयोजन प्रतिदिन नूतन स्टेडियम में होता था।


पशुपतिनाथ मंदिर में पहली बार हुई थी जैन संत की सभा
सेंगर ने बताया कि वर्ष 2002 में 2 माह के प्रवास के दौरान पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति ने संत तरुणसागरजी से मंदिर में धर्मसभा करने का आग्रह किया था। समिति के आग्रह पर संत ने भगवान पशुपतिनाथ का अभिषेक- पूजन किया था। इसके बाद पशुपतिनाथ मंदिर में ही धर्मसभा को संबोधित किया था। यह पहली बार था जब किसी जैन संत ने मंदिर में धर्मसभा को संबोधित किया था। तरूणसागरजी का वर्ष- 2002 में मन्दसौर प्रवास की स्मृतियां मानस पटल पर सदैव अंकित रहेगी। मंदसौर में दिगम्बर जैनियों की जनसंख्या के अनुपात में कई गुना भीड़ उनकी प्रभावना का परिचायक थी। उनके अभा मंडल से तत्कालीन राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री हर स्तर के जनप्रतिनिधियों ने धर्म सभाओं में शिरकत की। उनके कड़वे प्रवचनों का असर भी हुआ। मंदसौर के एक होटल संचालक ने उनके समक्ष संकल्प करके मांसाहारी होटल बंद कर दी। उनके समक्ष अनेक लोगों ने अपने व्यसनों को त्यागने का संकल्प लिया। उनके प्रवचनों की भांति उनकी लिखी पुस्तकों ने भी लोकप्रियता का इतिहास रचा। धर्मसभा स्थल पर बुक काउन्टर पर उनकी लिखी पुस्तकों को खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी।

नवकार मंत्र के जाप हुए

राष्ट्रसंत दिगंबर जैन मुनि तरुण सागरजी के देवलोक गमन पर भानपुरा में भी पूरे सकल जैन समाज में शोक छा गया। सभी जैन समाज के लोगों ने अपने व्यवसाय दिनभर बंद रखें व दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक तेरापंथी जैन मंदिर में नवकार मंत्र के जाप हुए। जाप के बाद मसा को विनयाजंली व श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम को डॉ सनत शास्त्री, माणकचंद हरसोला, अनिल नाहर, दीपक कोरिया ने संबोधित किया। यहां सभी ने महाराजश्री के 20 साल पहले भानपुरा आगमन के पलों को याद किया। बताया गया कि जैन धर्म को जन धर्म बनाया वह जैन समाज से ऊपर उठकर संत थे। भगवान महावीर के सिद्धांतों को उन्होंने विश्व स्तर तक पहुंचाया। सभा में दिगंबर जैन समाज अध्यक्ष मनीष हरसोला, जैन सोशल गु्रप अध्यक्ष कोमल सामरिया, महावीर ठाई, पराग टोंग्या, हेमंत जैन, पवन जैन, ललित हरसोला, सुरेश खटोड़, डॉ भागचंद जैन, अभिषेक टोंग्या, पदम सेठी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।


संत तरुणसागर मसा को दी श्रद्धांजली
राष्ट्रसंत तरुण सागर मसा के देवलोक गमन होने पर धुंधडक़ा श्रीसंघ ने आराधना भवन में सामूहिक नवकार मंत्र के जाप किए। इसके बाद धुंधडक़ा श्रीसंघ ने मसा को भावांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में बाबूलाल जैन, पूर्व सरपंच रूपचंद जैन, बसंतीलाल जैन, रमेशचंद्र जैन, नवरत्न परिवार के उपाध्यक्ष रवि भटेवरा ने संबोधित किया। मसा के निमित जीवदया के लिए राशि भी एकत्रित की गई। कार्यक्रम में शांतिलाल जैन, वल्लभ भटेवरा, कमलेश जैन, दिनेश जैन, राजेंद्र जैन, आशीष जैन उपस्थित थे। सकल जैन श्रीसंघ निम्बोद ने भी सामूहिक नवकार महामंत्र के जाप एवं ध्यान कर मसा को भावांजली अर्पित की। ग्राम नंदावता के मारूतिधाम हनुमान बगीची में शोकसभा आयोजित कर मसा को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। सभी ने संत के गुणानुवादों का स्मरण कर उनके समाज को जागृत करने वाले प्रवचनों को याद किया। इस अवसर पर अध्यक्ष किशोर पाटीदार, गोपाल पालिवाल, जानकीलाल पाटीदार, उदयलाल राठौर, भंवरलाल सोनी, अरविन्द सोनी, रमेश जोशी उपस्थित थे।

 

गुरुदेव को समर्पित सामूहिक श्रधांजलि सभा
राष्ट्रीयसंत तरुणसागर मसा के देवलोक गमन होने पर जैन समाज में शोक की लहर व्याप्त हैं।सकल जैन समाज सीतामऊ द्वारा आजाद चौक में आयोजित गुरुदेव को समर्पित सामूहिक श्रधांजलि सभा में जैन समाज के साथ-साथ सभी समुदाय समाज के वरिष्ठजनों ने भाग लेकर श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक सभा में टीआई भुवान गोरे, कांग्रेस नेता ओमसिंह भाटी, नपं अध्यक्ष प्रतिनिधि राजेश गिरोठिया, प्रकाशचंद श्रीमाल, समाजसेवी रामेश्वर जमालिया, महेंद्र जैन आदि वरिष्ठ जनों ने सभा को संबोधित किया। संचालन नयन जैन ने किया।

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