
बाढ़ से निपटने के लिए दो दिन मॉकड्रिल
मन्दसौर। बाढ़ से निपटने के लिए होमगार्ड विभाग आगामी दो दिवस में मॉकड्रिल करें। जिस से क्या-क्या संसाधन की कमी है, उसे दुरस्त किया जा सके। बाढ़ के समय इमरजेंसी संसाधनों की उपयोगिता के आधार पर बुलाया जा सके। वर्षा के दिनों में होमगार्ड तैराक को हमेशा तैयार रखें। यह निर्देशनवीन कलेक्टोरेट में जिला कलेक्टर मनोज पुष्प ने बाढ़ एवं आपदा राहत के लिए संबंधित सभी विभागों की समन्वय बैठक लेते हुए दिए।
बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक हितेश चौधरी, जिला वनमंडल अधिकारी, सीईओ जिला पंचायत आदित्य सिंह, अपर कलेक्टर अनिल कुमार डामोर एवं बाढ़ एवं आपदा राहत से जुड़े सभी जिलाधिकारी मौजूद थे।
बाढ़ आने पर टोल फ्री नंबर 1079 पर संपर्क करें
बैठक में निर्देश देते हुए कहा गया कि आपदा सूचना नंबर 1079 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। यह नंबर स्टेट कमांड सेंटर भोपाल के टोल फ्री नंबर है। इस नंबर पर कॉल करने पर बाढ़ राहत क्षेत्र में तुरंत सुविधा मुहैया कराई जाएगी। जिन पूल एवं सडक़ जहां पर बाढ़ को लेकर समस्या रहती है उनकी सूची तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम एवं कलेक्टर कार्यालय को प्रेषित करें।
जर्जरगिरने जैसे भवनों को खाली कराए
नगर पालिका को निर्देश देते हुए कहा कि नालियों की साफ.-सफाई, बाढ़ के समय नाले जाम होने पर तुरंत साफ करें। तूफान के समय गिरने वाले पेड़ों की तुरंत कटाई करके तुरंत सडक़ मार्ग शुरू करें। जर्जर भवन जिनके गिरने का डर है। उनको तुरंत खाली करवाएं एवं उनके आसपास राहत बचाव कार्य की व्यवस्था हो। नगरपालिका कर्मचारी बाढ़ के समय पुलिस कंट्रोल रूम एवं कलेक्टर कंट्रोल रूम से निर्देशित कार्य को ही करें। एमपीबी को निर्देश देते हुए कहा कि बिजली के खंभे गिरने, तार टूटने की स्थिति में आपस में सभी विभाग समन्वय बनाकर काम करें। जल संसाधन विभाग ऐसे गांव जहां पर बाढ़ का खतरा रहता है। उन गांव को पहले से सूचना प्रदान करें एवं गांव में बाढ़ राहत समिति का निर्माण करे।
पूल के ऊपर पानी होने पर बस ड्राइवर पुल को पार न करे
पुलिस अधीक्षक हितेश चौधरी ने कहा कि जल संसाधन विभाग ऐसे समस्त डेम एवं बांधों का एक बार निरीक्षण कर ले जहां पर बांध टूटे हुए हैं। उनका तुरंत मरम्मत का कार्य करें। बाढ़ से निपटने के लिए सभी संसाधन मुख्यालय में जमा करके ना रखें। उनको सभी क्षेत्रों में बांट दे। पशुपालन विभाग पशुओं को बीमारियों को ध्यान में रखते हुए जनपद पंचायत सीईओ एवं ग्राम पंचायतों को इसकी सूचना प्रदान करें एवं उनको जागरूक करें। पीडब्ल्यूडी के अलावा अन्य सभी सडक़ों को चिन्हित कर सूची प्रदान करें। जिला परिवहन अधिकारी वाहन मालिकों को इस बात की सूचना प्रदान करें कि बाढ़ के समय अगर पुल के ऊपर पानी हो, तो बस की सवारियों के उकसाने पर ड्राइवर बस को पूल के अंदर न डालें, नहीं रपट को पार करने कोशिश करें। पीएचई विभाग जल स्त्रोतों की समय-समय पर साफ सफाई एवं दवाई डालें। जिससे आम जनों को पानी से कोई बीमारी न हों।
Published on:
13 Jun 2019 05:36 pm
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