दिल्ली-राजस्थान के कलाकार तो गोधरा की ढोल पार्टी ने बाधा समा
शयन आरती मंडल ने भक्तिमय माहौल में यात्रा निकाली। पालकी यात्रा में दिल्ली व राजस्थान के कलाकारों के साथ गोधरा की ढोल पार्टी ने समा बांधा। यहां शहनाईयों के साथ ढोल, तोप आकर्षण का केंद्र रहे। इसके साथ ही गुजरात के गरबे, दिल्ली की झांकी व वडोदरा के ढोल पालकी के अलावा 251 महिलाएं कलश लिए चल रही थी। कालका नृत्य के साथ शिव तांडव के अलावा वानरों की प्रस्तुतियां भी आकर्षण का केंद्र रही।
पशुपतिनाथ ने किया नगर भ्रमण, लोगों ने की अगवाली
शाही पालकी में ठाठ-बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकलें पशुपतिनाथ की अगवानी करने के लिए शहरवासी घरों से बाहर निकलें और सड़कों पर जुटे। पालकी में अष्टधातु की प्रतिमा विराजित थी। भगवान ने भ्रमण कर प्रजा के हाल जाने तो लोगों ने भी दर्शन-वंदन किए और अगवानी की। यात्रा जिन मार्गों से गुजरी वहां पर फूलों की वर्षा कर भक्तों ने स्वागत किया।
विधायक के पहुंचते ही लगने लगे नारे, पीछे हटी पुलिस
पालकी यात्रा नयापुरा रोड पहुंचने से पहले यात्रा को नयापुरा तरफ जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयार की। यहां फोर्स की तैनाती की तो डिप्टी कलेक्टर संदीप शिवा, एसडीएम केसी ठाकुर, तहसीलदार नारायण नंदेड़ा, नायब तहसीलदार वैभव जैन, एएसपी मनकामना प्रसाद, सीएसपी नरेंद्र सोलंकी, टीआई एसएल यादव, ट्रैफिक इंचार्ज धनजय शर्मा सहित पूरा अमला यहां पहुंचा और बैरिगेट्स भी लगा दिए। प्रशासन ने नयापुरा रोड की अनुमति आयोजको को नहीं दी थी और यहां से कालाखेत जाने की अनुमति थी, लेकिन आयोजक नयापुरा रोड जाने पर अड़े हुए थे।
55 हजार से अधिक ने किए पशुपतिनाथ के दर्शन
सोमवार पर बड़ी संख्या में शिवभक्त पशुपतिनाथ के दर पर पहुंचे। गर्भगृह में दर्शन वंदन के लिए दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। बारिश में छाता लेकर भक्त पशुपतिनाथ के दर पहुंचे और घंटों कतार में खड़े रहे। सुबह से रात तक चले भक्ति के इस दौर में ५५ हजार से अधिक भक्तों ने दर्शन किए। मंदिर के गर्भगृह से लेकर मंदिर परिसर और मंदिर पहुंचने वाले शिवना के पुल पर दिनभर भक्तों की आवाजाही का दौर चलता रहा। मंदिर में दूर-दराज क्षेत्र से कावड़ यात्रा लिए भक्त पहुंचे। भक्तों ने दिनभर भगवान का जलाअभिषेक किया।