मंदसौर
गरोठ में किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कलेक्टर के नाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गरोठ को अलग अलग दो ज्ञापन सौंपे।ज्ञापन में बताया कि वर्तमान में सरकार की गलत नीति के कारण किसानों की फसलों के दाम औंधे मुंह गिरे हैं जो गेहूं 3000 क्विटल बिक रहा था वह आज 1700- 1800 व रुपए प्रति क्विंटल पर आ चुका है। हमारे देश में सर्वाधिक किसानों की संख्या 2 हेक्टर तक भूमि रखने वालों की हैं। जो अपनी फसल को पकने के तुरंत बाद बेच कर अपना काम चलाते हैं परंतु वर्तमान में सरकार द्वारा 50लाख टन गेहूं खुले बाजार में लाने के कारण गेहूं के दाम औंधे मुंह गिरे है तथा आटे के दाम नहीं घटे है। सरकार की यह व्यवस्था किसानों के चेहरे मुरझाने जैसी है।
किसानों की आय को ध्यान में रखकर नीति बने तो बाजार का संतुलन बनेगा
महंगाई के नाम पर किसानों का शोषण करने वाला अंदाज दिखाई देता है अगर वास्तविक महंगाई की बात की जाए तो जिस अनुपात में बाजार में अन्य वस्तुओं की कीमत बढ़ी है उसी अनुपात में कृषि जिंसों का मूल्य भी बढऩा चाहिए ऐसा नहीं होना किसानों के साथ सरासर अन्याय है। अगर आपने उपरोक्त विषय पर ध्यान नहीं दिया तो किसान कर्ज चुकाने में असमर्थ हो जाएगा। सरकार की नीतियों में भी कर्ज बढ़ाने की योजना बजट में घोषित की गई है देश में हर फसल के उत्पादन और खपत के आधार पर आयात निर्यात नीतियों और फसलों के उत्पादन लागत के हिसाब से किसानों की आय को ध्यान में रखकर नीति बनेगी तो बाजार का संतुलन सही रहेगा। कहीं ऐसा ना हो कि सरकार के खिलाफ अराजकता और नाराजगी जाहिर हो जाए आलू प्याज एवं अन्य सभी फसलों की ओर भी ध्यान रखना जरूरी होगा भारतीय किसान संघ मांग करता है कि इस अन्याय को दूर किया जाए और वर्तमान में बेमौसम बारिश ओले तूफान से फसल हानि हुई है इसका सर्वे को तत्काल मुआवजा दिया जाए।
कृषि उपज मंडी में व्यापारियों का दोहरा रवैया
भारतीय किसान संघ ने एक और ज्ञापन सौंपा जिसमें बताया कि संगठन की दृष्टि से गरोठ जिले की गरोठ, भानपुरा, शामगढ़, सुवासरा चारों तहसीलों कि कृषि उपज मण्डियों में व्यापारियों का दोहरा रवैया है। वे मण्डी से अधिक मूल्यों पर खुले मार्केट में बिकती कृषि जींस जो किसान को लुट की तरफ धकेलता प्रतित होता है इस विषय में तत्काल प्रभाव से एक्शन लेने की आवश्यकता है। प्रशासन 7 दिवस के भीतर कार्रवाई नहीं करता है तो भारतीय किसान संघ के द्वारा कृषि उपज मण्डी की ताला बंदी की जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की रहेगी। ज्ञापन में यह भी बताया कि वर्तमान में फसल कटाई का कार्य चल रहा है। विद्युत के लुज तारों के कारण फसलों में आग लगने का खतरा बना रहता है। विद्युत तारों को व्यवस्थित किया जाए। साथ ही पशुओं के खाने योग्य भूसे को क्षेत्र से बाहर ले जाने व फैक्ट्रीयों द्वारा इधन के रूप में प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगाया जाए। इस दौरान भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।