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‘नेत्र ज्योति योजना’ पर ‘जांच की आंच’, 6 हजार लोगों के हुए मोतियाबिंद ऑपरेशन, सवा करोड़ अटके

Netra Jyoti Yojana : नि:शुल्क शिविरों में हुए मोतियाबिंद के ऑपरेशन का बिल हुआ 1 करोड़ 24 लाख रुपए। स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पताल को देता प्रति ऑपरेशन 2 हजार रुपए। 6 हजार 147 ऑपरेशन की कमेटी ने जांच शुरु की।

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Netra Jyoti Yojana

'नेत्र ज्योति योजना' पर 'जांच की आंच' (Photo Source- Patrika Input)

Netra Jyoti Yojana :मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में कई नि:शुल्क नेत्र शिविर आयोजित किए जाते हैं। इन शिविरों में मोतियाबिंद के मरीजों को चिन्हित कर ऑपरेशन निजी अस्पतालों द्वारा किए जाते हैं। इसके लिए बकायदा नेत्र ज्योति योजना के तहत निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग 2 हजार रुपए प्रति ऑपरेशन के लिए देता है। स्वास्थ्य विभाग 8 माह में हुए 6 हजार 147 मरीजों के मोतियाबिंद के ऑपरेशनों की जांच कर रहा है। इसके लिए एक कमेटी जांच का काम कर रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने 1 करोड़ 22 लाख 94 हजार रुपए के बिल रोक दिए हैं। जांच के बाद ही इन्हें पास किया जाएगा।

निजी अस्पतालों द्वारा जब स्वास्थ्य विभाग को सितंबर 2024 से लेकर अप्रैल 2025 तक का बिल दिया गया। इसमें 6 हजार 147 मरीजों के मोतियाबिंद के 1 करोड़ 22 लाख 94 हजार रुपए के बिल है। इतने बड़े बिल की स्वीकृति के लिए सीएमएचओ ने फाइल कलेक्टर अदिति गर्ग के पास भेज दी। ऐसे में 8 माह में इतना बड़ा बिल हुआ तो कलेक्टर ने इसपर सीएमएचओ गोविंद सिंह चौहान को जांच के आदेश दिए, जिसे लेकर समय सीमा 7 दिन निर्धारित की गई।

एक दिन में 25 ऑपरेशन, कमेटी कर रही जांच

कलेक्टर के आदेश के बाद सीएमएचओ द्वारा इसके लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित की गई, जिसमें नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति वास्कले, डीपीएम निलेश गर्ग और एक अन्य स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हैं। 7 दिनों में 6 हजार 147 लोगेां की जांच नहीं की जा सकती। ऐसे में सीएमएचओ ने इस जांच के लिए समय बढ़ाया। कमेटी द्वारा इसकी जांच शुरु भी कर दी गई है।

एक दिन में हुए 25 ऑपरेशन

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, सितंबर 2024 से लेकर अप्रेल 2025 तक यानी 8 में 6 हजार 147 मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए। 8 माह में यानी 240 दिनों में औसतन रोजाना 25 ऑपरेशन हुए। ऐसे में 1 करोड़ 22 लाख 94 हजार रुपए के बिलों की जांच की जा रही है। जांच अधिकारियों का कहना है कि, इसमें प्रति व्यक्ति का सत्यापन किया जा रहा है। चूकि हजारों की संख्या में मरीज हैं, जिसे लेकर समय लगेगा।

निशुल्क शिविरों में चिन्हित होते हैं मरीज

जांच अधिकारियों के अनुसार, जिले में कई समाजसेवी संस्थाएं निजी अस्पतालों के साथ मिलकर निशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन करती हैं। इन नेत्र शिविरों में डॉक्टरों द्वारा मोतियाबिंद के मरीजों को चिन्हित किया जाता है। इसके बाद उनका निजी अस्पतालों में निशुल्क ऑपरेशन किया जाता है। ऐसे में नेत्र ज्योति योजना के तहत प्रति ऑपरेशन 2 हजार रुपए संबंधित अस्पताल को दिए जाते हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार?

मामले को लेकर सीएमएचओ डॉ. गोविंद सिंह चौहान का कहना है कि, सितंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच 6 हजार 147 मोतियाबिंद ऑपरेशन निजी अस्पतालों में किए गए। इसके 1 करोड़ 22 लाख 94 हजार रुपए के बिल है। इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। कमेटी ये देखेगी कि, जिनके नाम हैं। उनके ऑपरेशन हुए भी हैं या नहीं। उनसे रुपए तो नहीं लिए गए। सभी मरीजों का सत्यापन का काम चल रहा है। नेत्र ज्योति योजना में प्रति ऑपरेशन में निजी अस्पताल को 2 हजार रुपए निजी अस्पतालों को दिए जाते है।