मंदसौर.
शहर के संजीत फाटक पर ३४ करोड़ की लागत से बन रहा ओवरब्रिज फिर से चर्चाओं में है। हालांकि यह ओवरब्रिज तो पिछले पांच सालों से निर्माणाधीन है और इसमें कभी लेटलतीफी तो कभी काम बंद तो कभी निर्माण एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने को लेकर मामला सुर्खियों में रहा। लेकिन अब विभाग व विधायक के दावों को लेकर यह चर्चाओं में है। विधायक यशपालसिंह सिसौदिया ने शहर में मार्च की स्थिति में काम पूरा होने का दावा किया लेकिन जब विधानसभा के बजट सत्र में ओवरब्रिज का मामला सदन में उठाया तो विभागीय मंत्री ने जून-२०२३ तक की डेटलाइन दी। ऐसे में मात्र १५ दिन बचे है और ओवरब्रिज का काम काफी बाकी है। ओर जून तक भी काम पूरा हो या नहीं इस पर संदेह बना हुआ है। रेलवे के हिस्से का काम बाकी है तो रेलवे का काम पूरा होने के बाद विभाग को अपना काम पूरा करना है। इसमें एप्रोच रोड से लेकर सीढिय़ा बनाने के अलावा अन्य काम है। संजीत फाटक पर ओवरब्रिज के काम को जल्द पूरा करने के लिए सांसद सुधीर गुप्ता ने भी रेलवे अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कई बार उठाया है। लेकिन काम है जो पूरा ही नहीं हो रहा है।
ब्लैकलिस्टेड कंपनी पर अफसरों की मेहरबानी बड़ी वजह
ओवरब्रिज का निर्माण करने वाली कंपनी के लेटलतीफी के कारण विभाग ने कई बार नोटिस दिए लेकिन कार्रवाई एक बार भी नहीं की तो कंपनी को ब्लैकलिस्टेड तक कर दिया है और इसी कंपनी से काम भी पूरा करवाना है। इसी कारण विभाग मेहरबान बना हुआ है। ओर यहीं लेटलतीफी ओर हर दिन हजारों लोगों की परेशानी का कारण बना हुआ है। विडबंना तो यह भी है कि शहर का बड़ा वर्ग इससे भले ही परेशान हो रहा हो लेकिन जिला प्रशासन में बैठे अधिकारियों ने भी इस मामले में कभी संज्ञान नहीं लिया और इस ओर झांका तक नहीं। कलेक्ट्रेट में बैठकों से आगे ही अधिकारी नहीं बढ़ रहे। इसी कारण चुनावी वर्ष में बड़े प्रोजेक्ट अधूरे ही झूल रहे है।
२०१८ में हुआ था भूमिपूजन अब तक लोकार्पण नहीं हो सका
वर्ष २०१८ के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने करीब ३४ करोड़ की लागत से बनने वाले संजीत फाटक पर ओवरब्रिज के निर्माण का सुवासरा दौरे के दौरान भूमिपूजन सितंबर-२०१८ में किया था। जो अब मार्च-२०२३ तक की स्थिति में नहीं बना है। चुनावी साल में भूमिपूजन हुआ था ओर फिर से चुनावी साल आ गया है और अब निर्माण पूरा होने को लेकर दावे किए जा रहे है। लेकिन माना जा रहा ैकि ओवरब्रिज पर आवागमन चुनावी साल में ही शुरु हो सकेगा लेकिन कब इस पर डेटलाइन विभाग भले ही जून तक की दे रहा हो लेकिन बार-बार बदलती स्थिति को देख इस पर संदेह बना हुआ है।
एक दर्जन कॉलोनियों से लेकर दो विधानसभा के लोग हो रहे परेशान
विभाग की निर्माण कंपनी पर मेहरबानी और ब्रिज के निर्माण में हो रही लेटलतीफी के कारण संजीत नाका व अभिनंदन क्षेत्र की एक दर्जन से अधिक कॉलोनियों के हजारों लोगों को हर दिन आवाजाही में परेशान होना पड़ रहा है और वैकल्पिक राह से आवागमन हो रही है तो वहीं मंदसौर के साथ मल्हारगढ़ विधानसभा के संजीत सहित अन्य क्षेत्रों के ग्रामीणों का भी मंदसौर आने का यही मार्ग है। ऐसे में ब्रिज की लेटलतीफी से दो विधानसभा के लोग हर दिन परेशान हो रहे है तो बस सहित अन्य वाहनों को अन्य मार्गों से आवाजाही करना पड़ रही है।
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