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मंदसौर.
जिले में खाद विभाग का अमला कार्रवाई के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगी में सीमट कर रह गया है। पड़ोसी जिलों में मिलावटखोरों के खिलाफ भले ही बड़ी कार्रवाईयां हुई हो, लेकिन हमारें जिले में मिलावटखोरों के यहां पर सिर्फ सैंपल लिए गए। पूरे जिले में खाद विभाग को कही पर भी एक मिलावटखोर नहीं मिला।
सिर्फ सैंपल लेकर औपचारिका पूरी कर शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में खानापूर्ति करने का काम किया गया है। जो सैंपल लिए, उनकी रिपोर्ट भी लंबे समय बाद भी नहीं मिली। शासन ने भले ही जोर शोर से प्रदेशभर में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया हो, लेकिन जिले में सैंपल लेने तक में ही इस अभियान में विभाग की सांसे फूल गई। करीब १०० सैंपल की रिपोर्ट ही नहीं आई और १९ सैंपल की रिपोर्ट आई तो इन पर भी कोई बड़ी कार्रवाई अब तक नहीं हुई है।
बड़ी कार्रवाई एक भी नहीं, १०० सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी
जुलाई से अब तक विभाग ने लिए सैंपल में १९ की रिपोर्ट आई है तो करीब १०० सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई। जबकि नियमों को देखे तो लैब से १४ दिन में ही रिपोर्ट विभाग को मिलना चाहिए। राज्य स्तर पर भोपाल में लैब है। जहां प्रदेशभर से आ रहे सैंपलों का लोड होने के कारण रिपोर्ट नहीं निकल पा रही है। इसका लाभ मिलावटखोर उठा रहे है। वैसे भी विभाग सिर्फ सैंपल लेने तक सीमित है।
जिन १९ की रिपोर्ट आई उनमें से किसी एक पर बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। सैंपलिंग में रतलाम-नीमच जिले से मंदसौर पीछे है। रतलाम-नीमच में मिलावटखोरों पर अब तक कई बड़ी कार्रवाईयां हो चुकी है। रासुका से लेकर एफआईआर तक की कार्रवाई हुई। दूसरी ओर जिले में विभाग खानापूर्ति करने में लगा है। सीमित कार्रवाई के संदर्भ में अधिकारियों के पास रटारटाया जवाब है क्या करें नियम के बाहर जाकर कार्रवाई नहीं कर सकते औ रिपोर्ट आएगी तो आगे की कार्रवाई होगी।
जिला मुख्यालय पर करीब २०० से अधिक मिठाई की दुकानें है। तो पूरे जिले में १ हजार से अधिक दुकान नमकीन व मिठाईयों की है। ऐसे में मिलावटखोरों के हौंसले बुलंद है। इसका लाभ खुलेआम उठाया जा रहा है और विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई नहीं करना यह बता रहा है कि पूरे जिले में एक भी मिलावटखोर अब तक नहीं मिला। विभाग की स्टॉफ की कमी का रोना रोककर जिम्मेंदारी से पल्ला तो झाड़ रहा है। लेकिन कार्रवाई नहीं होने से हजारों लोगों के स्वास्थ्य से जो खिलवाड़ हो रहा है। इसके लिए भी विभाग जिम्मेदार है।
भोपाल, पूणे, मेसूर भेजे जा रहे सैंपल
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस वर्ष मिलावटखोरों के खिलाफ बड़े पैमानें पर कार्रवाई के लिए अभियान शुरु किया, इसी के कारण भोपाल में राज्य प्रयोगशाला में जांच के लिए नमूने पहुंच रहे है। इसी कारण रिपोर्ट समय पर नहीं निकल पा रही है और १४ दिन में आने वाली रिपोर्ट कई माह बाद भी नहीं आ रही है। जिले से लिए जा रहे सैंपल भोपाल के अलावा अन्य प्रदेशों में सेंट्रल लेब मेसूर व पूणे भेजे जा रहे है। यही मुख्य वजह है कि निर्धारित समय पर नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है।
विभाग ने प्रशासनिक अमले को अब तक नहीं किया इनवाल्व
प्रदेश के अन्य जिलों में जहां खाद्य विभाग की कार्रवाई में प्रशासनिक अमला भी साथ रहा। यहां फर्टिलाइजर से लेकर अन्य विभागों में हो रही कार्रवाई में भी प्रशासन का अमला साथ है, लेकिन खाद्य विभाग की कार्रवाई में अब तक प्रशासन इनवाल्व नहीं दिखा है। अन्य जिलों में प्रशासन इनवाल्व रहा तो बड़ी कार्रवाई हुई लेकिन जिले में प्रशासनिक स्तर पर ऐसी कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई।
रिपोर्ट आना बाकी है
करीब १०० सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। १९ की रिपोर्ट आई है। जो मिक्याछाप या अमानक पाए गए है उन्हें नोटिस देकर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। -कमलेश जमरा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
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Published on:
24 Nov 2019 12:16 pm
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