मंदसौर.
लेबड़-नयागांव फोरलेन का बायपास हादसों का पर्याय बनता जा रहा है। हाईवे के असुरक्षित चौराहों पर हो रहे हादसों में असमय लोगों की जानें जा रही है। बीती रात को भी हादसा हुआ और तीन घरों के चिराग बुझ गए। करीब १० किमी के इस बायपास पर संकेतको से लेकर अन्य सुरक्षा इंतजामों को अभाव है। चौराहों पर ब्रेकर तो बना दिए लेकिन कही लाईट तो कही संकेतको का अभाव है। ऐसे में हादसें हो रहे है। गुराडिय़ा देदा से लेकर एमआईटी व मूल्तानपुरा चौराहा जहां सबसे अधिक हादसे हो रहे है। यह तीन चौराहें बायपास के ब्लेक स्पॉट है। यह तीनों ही चौराहें पिछले १० सालों में ३६ लोगों की जिदंगी लील चुके है तो वहीं १२५ लोग हादसों में घायल हो चुके है।
पिछले १० सालों में बायपास के तीन ब्लेक स्पॉट पर हुई ३६ मौत
फोरलेन का मंदसौर शहर के समीप बायपास गुजर रहा है। इसमें तीन ब्लेक स्पॉट है। एमआईटी चौराहा, मूल्तानपूरा चौराहा व गुराडिय़ा चौराहा इन तीन चौराहों पर पिछले १० सालों में ३६ लोगों की मौत हुई है। एमआईटी चौराहें पर वर्ष २०१३ से अब तक ४३ प्रकरण में ४९ घायल ओर १२ की मौत हुई है। इस दौरान सबसे अधिक वर्ष २०१७ में ६ लोगों की मौत हुई थी। वहीं वर्ष २०१४,२०१८,२०२१,२०२२ में एक भी मौत इस चौराहें पर नहीं हुई। वहीं गुराडिय़ा चौराहें पर पिछले १० सालों में ३२ प्रकरण में ३८ घायल व १० की मौत हुई है। इसमें वर्ष २०१७ में सबसे अधिक तीन मौतें हुई थी तो वर्ष २०१६,२०१८,२०२२,२०२२ में एक भी मौत यहां नहीं हुई। इसी तरह मूल्तानपुरा चौराहें पर १० सालों में ३४ प्रकरण में ३८ घायल व १४ की मौत हुई है। इसमें वर्ष २०१५ में सबसे अधिक ४ मौतें हुई थी तो वर्ष २०१३, २०१७ व २०१९ में यहां एक भी मौत नहीं हुई थी।
एसपी व टीआई ने बायपास के ब्लेक स्पॉट पर पहुंच किया निरीक्षण
हादसे के बाद मंगलवार को सुबह एसपी अनुराग सुजानिया व टीआई जितेंद्र पाठक ने बायपास क्षेत्र के तीनों ब्लेक स्पॉट चौराहें पर पहुंचकर निरीक्षण किया। यहां लोगों की जागरुकता के साथ ही अन्य अर्वेनेस वाले इंतजाम करने सहित संकेतक लगाने सहित अन्य मुद्दों पर बात की। टीआई पाठक ने बताया कि संकेतक सहित अन्य अर्वेनेस वाले काम यहां करने के लिए एसपी के निर्देशन में काम किए जाएंगे इसी को लेकर चर्चा हुई।