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यशोधर्मन ने बढ़ाया था दशपुर का यश उसी दिन 8 दिसंबर को मनेगा मंदसौर का गौरव दिवस

यशोधर्मन ने बढ़ाया था दशपुर का यश उसी दिन ८ दिसंबर को मनेगा मंदसौर का गौरव दिवस

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मंदसौर.
कई दिनों के मंथन के बाद मंदसौर का गौरव दिवस ८ दिसंबर को मनाना तय हो गया। इसके साथ ही जिले के अन्य निकायों के गौरव दिवस भी प्रभारी मंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद तय हो गए। जिले में गरोठ ने सबसे पहले गौरव दिवस मनाया। जिस दिन निकाय अस्तित्व में आए उस दिन से लेकर सांस्कृतिक व धार्मिक महत्व जिन नगरों से जुड़े है उन्हें गौरव दिवस के रुप में तय किया। सबसे ज्यादा मंथन मंदसौर को लेकर हुआ। अब ओलीकर वंशज सम्राट यशोधर्मन ने मालवा देश की राजधानी दशपुर को माानकर जिस दिन सूर्य मंदिर की स्थापना यहां करते हुए यश बढ़ाया था उसी दिन मंदसौर अपना गौरव दिवस मनाएगा। सालों पुराने इतिहास को खंगाला गया। हुणों को परास्त करने की गाथा से लेकर देश के चार सूर्य मंदिर में एक दशुपर में स्थापित होने के गौरवपूर्ण इतिहास पर मंथन के बाद अब ८ दिसंबर को गौरव दिवस मनाया जाएगा।


२ हजारों सालों का खंगाला इतिहास और फिर तय हुआ ८ दिसंबर
मंदसौर गौरव दिवस को लेकर २ हजार सालों का इतिहास खंगाला गया। इसमें सामने आया कि मंदसौर जो दशपुर के नाम से पहचाना जाता था उस पर अधिकांश समय ओलीकर वंश का शासन था और उस समय के शासक बंधु वर्मन थे। इन्हीं के वंशज थे यशोधर्मन जो आगे चलकर सम्राट हुए और उन्होंने वर्तमान जो खिलचीपुरा है वहां सूर्यमंदिर की स्थापना की। उस समय देश में चार ही सूर्य मंदिर थे। शहर के जो १० पूरे है उसमें से एक खिलचीपुरा आता है। ८ दिसंबर को पौष माह शुक्ल पक्ष त्रेयोदशी कालगणना के अनुसार विक्रम संवत ४९३ इ्रवी ४३६ को सूर्य मंदिर की स्थापना की गई थी। उस समय मालवा देश के राजा यशोधर्मन जो सम्राट हुए उन्होंने देश के साथ विदेशी आक्रांताओं जिसमें हुणों भी थे उन्हें हराते हुए अपनी देश की रक्षा की। बंधु वर्मम के वंश परंपरा में यशोधर्मन ने दशपुर को अपनी राजधानी बनाया और यहां सूर्य मंदिर की स्थापना की। हुणों ने मालवा देश पर आक्रमण किया तो यशोधर्मन ने हुणों को परास्त किया। इसलिए हजारों साल पुराने गौरवपूर्ण इतिहास के अनुसार ८ दिसंबर को मंदसौर का गौरव दिवस तय किया गया। इसके अलावा जिले के अन्य निकायों में जिस दिन परिषद अस्तित्व में आई उसी दिन से लेकर धार्मिक सांस्कृति महत्व वाले दिन को गौरव दिवस के रुप में तय किया गया।


जिले के सभी निकायों के गौरव दिवस पर प्रभारी मंत्री ने दी हरी झंडी
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के सभी नगरों के गौरव दिवस मनाने के निर्देश के बाद शासन के निर्देश के बाद गौरव दिवस को लेकर जिला प्रशासन ने सभी निकायों से गौरव दिवस मनाने को लेकर तारीख पर प्रस्ताव मांगे। सबसे आखरी में मंदसौर नगर के गौरव दिवस को लेकर तारीख तय की गई। निकायों के प्रस्तावों के बाद कलेक्टे्रेट से सभी निकायों के गौरव दिवस का प्रतिवेदन जिले के प्रभारी मंत्री राज्यवद्र्धनसिंह दत्तीगांव को अनुमोदन के लिए भेजा गया। प्रभारी मंत्री की हरी झंडी के बाद गौरव दिवस तय हुआ और जिले में गरोठ गौरव दिवस मनाने वाला पहला निकाय बना है। हालांकि जनप्रतिनिधियों के अनुसार ही सभी निकायों के गौरव दिवस की तारीख निकायों ने तय कर भेजी है।


गरोठ का मना तो पिपलिया का २३ को शामगढ़ २ अप्रेल को मनाएगा
जिले के सभी निकायों के गौरव दिवस मनाने को लेकर तिथिया तय की गई है। हालांकि अभी पंचायतों व गांवों के गौरव दिवस को लेकर तिथिया तय हो रही है। लेकिन निकायों का गौरव दिवस मनाने का दौर ११ मार्च से शुरु हो गया है। जिले में गरोठ नगर में सबसे पहले ११ मार्च को गौरव दिवस मनाया गया। इसके बार २३ मार्च को पिपलियामंडी तो २ अप्रेल को चैत्र नवरात्र का पहला दिन होने के कारण शामगढ़ अपना पहला गौरव दिवस मनाएगा। वहीं जिले के सभी निकायों में आने वाले माह में गौरव दिवस मनाया जाएगा लेकिन मंदसौर व सीतामऊ साल के अंत में दिसंबर माह में अपना गौरव दिवस ८ व १५ दिसंबर के दिन मनाएंगे।


फैक्ट फाइल...
जिले के निकायों का इन तिथियों में मनेगा गौरव दिवस
निकाय गौरव दिवस
मंदसौर 8दिसंबर
गरोठ 11 मार्च
पिपलियामंडी 23 मार्च
शामगढ़ चैत्र नवरात्र पहला दिन
भानपुरा 11 अप्रेल
नगरी 14 मई
भैंसोदा 2 जुलाई
मल्हारगढ़ 28 अगस्त
नारायणगढ़ 5 अक्टूबर
सुवासरा 1 नवंबर
सीतामऊ 15 दिसंबर