
Corona raises investor concern, may decline in stock market again
नई दिल्ली। विदेशी बाजार से मिलने वाले संकेतों से इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की चाल तय होगी, खासतौर से अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को सुलझाने की दिशा में होने वाली प्रगति पर बाजार की नजर रहेगी। वहीं, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश के प्रति रुझान से भी बाजार को दिशा मिलेगी। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल से भी बाजार की दिशा तय होगी। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव बीते सप्ताह तकरीबन दो महीने के ऊंचे स्तर पर चला गया था। कच्चे तेल का दाम बढ़ने से रुपये में कमजोरी आ सकती है जिसका असर शेयर बाजार पर देखने को मिलेगा। पिछले सप्ताह के आखिर में देसी मुद्रा में सुधार देखने को मिला था।
राजनीतिक घटनाक्रमों पर भी निवेशकों की नजर
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इस दौरान राजनीतिक घटनाक्रमों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर टकराव के कारण दुनियाभर में मंदी का माहौल बना हुआ है। लिहाजा, दुनिया के दो बड़े व्यापारिक साझेदारों में टकराव दूर करने की दिशा में प्रगति से बाजार में सकरात्मक माहौल बनेगा। वहीं, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बीते महीने हुई बैठक के विवरण इस सप्ताह गुरुवार को जारी होने वाले हैं। फेड ने बीते महीने ब्याज दरों में कटौती कर इसे 1.5-1.75 फीसदी के दायरे में कर दिया था।
प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का भी बाजार पर असर
इसके अलावा विदेशों में इस सप्ताह जारी होने वाले कुछ प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का भी बाजार पर असर देखने को मिल सकता है।अमेरिका में इस सप्ताह के आखिर में शुक्रवार को यूएस मार्किट मैन्युफैक्च रिंग और सर्विस पीएमआई के आंकड़े भी जारी होंगे। इससे पहले जापान में बुधवार को व्यापार संतुलन के आंकड़े जारी होंगे और गुरुवार को यूरोपीय यूनियन के कंज्यूमर कॉन्फिडेंस के आंकड़े जारी होंगे।
Updated on:
17 Nov 2019 12:11 pm
Published on:
17 Nov 2019 12:09 pm
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