
nirav modi
नर्इ दिल्ली। पीएनबी घोटाला जिसे हीरा व्यापारी नीरव मोदी आैर उनके मामा मेहुल चौकसी ने अंजाम दिया था अब उससे भी बड़ा घोटाला सामने आ गया है। नीरव मोदी का घोटाला 13 हजार करोड़ रुपए का था। लेकिन जो घोटाला अब सामने आया है वो करीब 18000 करोड़ रुपए का है। यह दावा अमरीका की साइबर सिक्यॉरिटी फर्म साइफर ट्रेस ने किया है। फर्म का कहना है कि साल 2009 से क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों ने 18 हजार करोड़ रुपए के बिटकॉइन की लॉन्ड्रिंग की। इन क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों का ठिकाना भारत से बाहर है, जो भारत से मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा दे रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रभावित करने वाला कोई स्पष्ट मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून अस्तित्व में नहीं है।
एेसे हुर्इ खुला मामाना
जानकारी के अनुसार साइफर ट्रेस ने टॉप 20 क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों के जरिए हुए करीब 35 करोड़ ट्रांजेक्शंस की जांच-पड़ताल की। वहीं 10 करोड़ ट्रांजैक्शंस के तुलना दूसरे पक्षों से भी किए गए। इन एक्सचेंजों का इस्तेमाल आपराधिक सेवाओं के लिए 2 लाख 36 हजार 979 बिटकॉइन्स की खपत के लिए हुई थी। साइफर ट्रेस ने मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा हैकिंग और क्रिप्टोकरंसीज की चोरी का भी पता लगाया है।
पहले 9 महीनों में इतनी हो चुकी है चोरी
आंकड़ों की मानें तो मौजूदा साल के पहले पहले 9 महीनों में हैकिंग एक्सचेंजों के माध्यम से करीब 68 अरब रुपए की वर्चुअल करंसी की चोरी हुई थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 250 फीसदी ज्यादा थी। आपको बता दें कि वर्चुअल करंसी के माध्यम से बहुत सा रुपया विदेशों में जा चुका है। जो भारत के खिलाफ इस्तेमाल होने को है। इस अगर जल्द ही लगाम नहीं लगार्इ तो आने वाले दिनों में कर्इ तरह के गंभी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
Updated on:
11 Oct 2018 02:28 pm
Published on:
11 Oct 2018 02:22 pm
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