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आलू हुआ सस्ता, प्याज के दाम भी होंगे कम, जानिए कब?

Published: Nov 24, 2020 09:02:58 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

प्याज का आयात कम होने के कारण कीमत में एक बार फिर से तेजी
आलू की नई फसल आने के कारण दाम में देखने को मिल रही गिरावट

Expensive onion relief expectation till December, potato prices fall

Expensive onion relief expectation till December, potato prices fall

नई दिल्ली। जहां एक और प्याज को लेकर सर्दियों के महीने में भी आम लोगों के पसीने छूट रहे हैं वहीं दूसरी ओर आलू की ओर से राहत की सांस देखने को मिल रही है। कारण यह है कि आयात कमजोर होने के कारण प्याज के दाम में एक फिर से उछाल देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से दिल्ली एनसीआर में प्याज की कीमत एक बार फिर से 70 रुपए के आसपास आ गई है। जबकि आलू की नई फसल बाजारों में आने के बाद कीमतों नरमी देखने को मिल रही है। आपको बता दें कि मौजूदा समय में प्याज और आलू जैसी जरूरी सब्जियों के महंगे होने के कारण आम लोगों की कमर टूट गई है। महंगाई दर भी आसमान पर है।

दिसंबर से पहले कम नहीं होंगे प्याज के दाम
हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने बताया कि विदेशों से प्याज आना बंद नहीं हुआ है, लेकिन कम जरूर हो गया है। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह भी तुर्की से प्याज आया है। उन्होंने कहा कि इस समय राजस्थान से प्याज की आवक जोरों पर है, इसलिए घरेलू खपत की भरपाई हो रही है, लेकिन कीमतों में नरमी तभी आएगी जब नासिक का नया प्याज बाजार में उतरेगा। उन्होंने बताया कि नासिक के पुराने प्याज का जो स्टॉक था वह समाप्ति पर है, इसलिए अभी दाम में बहुत गिरावट की गुंजाइश नहीं दिख रही है। शाह की मानें तो दिसंबर से पहले प्याज के दाम में ज्यादा गिरावट नहीं होगी।

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आयात में कमी से बढ़ रहे हैं दाम
दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव सोमवार को 15 रुपये से 47.50 रुपये प्रति किलो था जबकि दिल्ली-एनसीआर में प्याज का खुदरा भाव 50 से 70 रुपए किलो था। वहीं, आलू का थोक भाव 20 से 36 रुपए प्रति किलो था। वहीं, खुदरा आलू 50 रुपये से कम भाव पर मिलने लगा है। आजादपुर मंडी के कारोबारी व पोटैटो एंड ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने कहा कि राजस्थान से इस समय प्याज की आवक जोरों पर है फिर भी दाम में कोई गिरावट नहीं देखी जा रही है, और देश के अन्य भागों से अभी प्याज की नई फसल की आवक शुरू होने में देर है, इसलिए आयात नहीं होने की सूरत में प्याज के दाम में आगे तेजी देखने को मिल सकती है।

प्याज पर स्टॉक लिमिट तय
बता दें कि प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने 14 सितंबर को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसके बाद 23 अक्टूबर को थोक एवं खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज का स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी गई, जिसके अनुसार खुदरा कारोबारी अधिकतम दो टन और थोक व्यापारी अधिकतम 25 टन प्याज का स्टॉक रख सकता है। सरकार ने 31 दिसंबर, 2020 तक की अवधि के लिए प्याज पर स्टॉक लिमिट लगाई है। साथ ही, आयात के नियमों में भी ढील दी गई है।

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