जल्द आएगा आईपीओ इसे भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम कहा जा रहा है, एलआईसी के आईपीओ के दौरान लगभग 1 करोड़ नए डिमैट खाते खोले जाने की जानकारी सामने आ रही है। सरकार ने फिस्कल ईयर 2021 2022 में 1.75 लाख करोड़ रुपए विनिवेश लक्ष्य बनाया था लेकिन अभी तक भारत सरकार विनिवेश से मात्र 7,645,70 करोड़ रुपए ही जुटा पाई है। ऐसे में सरकार के लिए यह आईपीओ फायदे का सौदा साबित होने वाला है।
दो किस्तों में आएगा आईपीओ, पहली किस्त में बेची जा सकती है 5-6 प्रतिशत हिस्सेदारी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार इस आईपीओ को दो किस्तों में लाने जा रही है, जिसका 10 प्रतिशत हिस्सा बेचे जाने की उम्मीद जताई जा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार पहली किस्त में 5 से 6 प्रतिशत की हिस्सेदारी बेच सकती है। इसके बाद इतनी ही हिस्सेदारी को बेचने के लिए सरकार FPO (Follow-On Public Offering) ला सकती है।
बाजार से उठाने पड़ सकते हैं डेढ़ लाख करोड़ रुपये सरकार ने LIC का IPO लाने के लिए उसके मूल्यांकन की प्रक्रिया चालू कर दिया है। इसका वेल्युएशन अर्थात मूल्यांकन 12 से 15 लाख के बीच रह सकता है। ऐसे में अगर सरकार 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचती है तो उसे बाजार से 1.5 लाख करोड़ रुपये के करीब उठाने पड़ सकते हैं। एलआईसी ने पॉलिसीधारकों के लिए आईपीओ अलॉटमेंट की प्रक्रिया शुरू कर दी है और कंपनी ने पात्र पॉलिसीधारकों का डेटा बेस बनाना प्रारम्भ भी कर दिया है, कंपनी के पास 29 करोड़ से ज्यादा पॉलिसीधारक हैं।
हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है कि सरकार एलआईसी आईपीओ की कितनी प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने वाली है। बता दें कि यह आईपीओ दिसंबर तिमाही के अंत तक या अगले साल मार्च तिमाही में आ सकता है।