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अधिकारी ने बताया कि प्याज का दाम बढऩे पर किसानों ने रबी सीजन में अच्छी फसल लगाई है और प्याज का रकबा चालू सीजन में 9.34 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल रबी सीजन में प्याज का रकबा 7.6 लाख हेक्टेयर था। उन्होंने बताया कि पिछले साल रबी सीजन में जहां प्याज का उत्पादन 158.2 लाख टन हुआ था, वहीं इस साल 189 लाख टन होने का अनुमान है। हालांकि खरीफ सीजन में प्याज का उत्पादन पिछले साल के 21.54 लाख टन के मुकाबले घटकर 15.74 लाख टन रहने का अनुमान है। बारिश के कारण खरीफ सीजन में प्याज की फसल खराब होने के कारण उत्पाद में कमी आई।
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पिछले महीने देश की राजधानी दिल्ली में प्याज का खुदरा दाम 150 रुपए प्रति किलो तक चला गया था, लेकिन घरेलू आवक में सुधार के बाद अब दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में खुदरा प्याज 40-60 रुपए प्रति किलो बिकने लगा है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि प्याज का दाम अभी भी पिछले साल के मुकाबले काफी अधिक है, इसलिए तत्काल प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की संभावना कम है। उन्होंने बताया कि प्याज की घरेलू आवक और कीमतों की सरकार लगातार निगरानी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी फैसला उपभोक्ताओं और किसानों को ध्यान रखकर ही लेगी।