
नई दिल्ली। चुनावों के मद्देनजर सरकार मिडल क्लास बजट में बड़ी राहत दे सकती है। मध्यम वर्ग को सरकार सबसे बड़ा आधार मान रही है। सरकार और पार्टी के एक बड़े वर्ग का कहना है कि बजट में मि़डल क्लास के लोगों का ख्याल रखा जाना चाहिए।
क्या मिल सकता है लाभ
सरकार टैक्स में अतिरिक्त छूट, हेल्थ इंश्योरेंस पर अतिरिक्त लाभ, एफडी पर अधिक ब्याज देने का विचार हो सकता है। इसके अलावा सरकारी निवेश योजनाओं पर भी अतिरिक्त लाभ देने का विचार किया जा सकता है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में सेंसेक्स में लगातार तेजी और म्युचूअल फंड्स के रिटर्न में इजाफा होने के चलते इन सरकारी निवेश योजनाओं का आकर्षण घटा है। अभी हाल ही में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि सरकार लोगों के पास अधिक फंड छोड़ने पर विश्वास करती है ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा खर्च और निवेश कर सकें। माना जा रहा है कि 5 लाख रुपये तक के ट्रांजैक्शन पर राहत मिल सकती है। इसके अलावा लेवी भी 10 फीसदी से भी कम की जा सकती है।
लोगों को लुभाने वाला हो सकता है बजट
केंद्र सरकार मिडल क्लास और गरीब तबके के लोगों को लुभाने वाला बजट पेश करने की तैयारी में है। इससे पहले अभी हाल ही में सरकार ने 200 वस्तुओं को 28 पर्सेंट जीएसटी के दायरे से बाहर किया है। इनकम टैक्स के मौजूदा स्वरुप में फिलहाल 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। इसके अलावा पीपीएफ और 5 साल के लिए बैंक खातों में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट मिलती है। वहीं, इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80सी के तहत भी टैक्स में कई तरह की छूट मिलती हैं।
1 फरवरी को पेश होगा बजट
बजट 2018 -19 एक फरवरी को पेश किया जाएगा। संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा। बजट सत्र 29 जनवरी से 6 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा जिसमें 1 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा, दूसरा चरण 5 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र 29 जनवरी को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण से शुरू होगा और उसी दिन आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा। बजट को फरवरी के अंत में प्रस्तुत किए जाने की ब्रिटिशकालीन परंपरा को खत्म करते हुए इस साल जेटली ने पहली बार आम बजट को एक फरवरी को पेश किया था।
Updated on:
23 Jan 2018 02:50 pm
Published on:
08 Jan 2018 09:55 am
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