
Govt will sell entire stake with Tata Comm, how much money will get
नई दिल्ली। केंद्र सरकार और टाटा ग्रुप का रिश्ता सालों पुराना है। दोनों ने मिलकर देश की इकोनॉमी, इंडस्ट्रीज और समाज से जुड़े हुए कई कल्याणकारी योजनाओं पर साथ मिलकर काम किया है। अब सरकार और टाटा के बीच एक रिश्ता खत्म होने जा रहा है। करीब 20 सालों से दोनों की ओर से यह रिश्ता कायम था। वास्तव में केंंद्र सरकार टाटा कंयूनिशकेशन से अपनी पूरी 26 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी बेचने जा रही है। जिससे केंंद्र को करीब 9600 करोड़ रुपए से ज्यादा मिलेंगे।
सरकार बेचेगी टाटा कंयूनिकेशन के शेयर
केंद्र सरकार टाटा कम्युनिकेशंस से अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने का मन बना चुकी है। इस बात की जानकारी खुद टाटा की ओर से दी गई है। सरकार टाटा कंयूनिकेशन में अपनी 16.12 फीसदी हिस्सेदारी ऑफर फार सेल के माध्यम से बेचेगी। जबकि बाकी की 10 फीसदी हिस्सेदारी टाटा संस की इंवेस्टमेंट यूनिट पेनाटोन फिनवेस्ट लिमिटेड को बेचर जाएगी। जिसके बाद टाटा कंयूनिकेशन से सरकार की 20 साल पुरानी पार्टनरशिप पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
आखिर क्यों तोडऩा पड़ रहा है रिश्ता
जानकारी के अनुसार पैनाटोन फिनवेस्ट और टाटा संस की कंपनी में क्रमश: 34.80 फीसदी और 14.07 फीसदी की पार्टनरशिप है। सरकार, पैनाटोन फिनवेस्ट और टाटा संस टाटा कम्युनिकेशंस कंपनी के प्रमोटर हैं। इक्विटी के माध्यम से पैसा जुटाने में सरकार की हिस्सेदारी एक बड़ी अड़चन पैदा हो रही थी। जिसकी वजह से टाटा कम्युनिकेशंस को पैसा जुटाने के लिए पूरी तरह से डेट फंडिंग पर डिपेंड होना पड़ रहा था।
शेयरों में गिरावट
इस फैसले के बाद शुक्रवार को टाटा कंयूनिकेशन के शेयर 2.65 फीसदी की गिरावट के साथ 1,289.75 रुपए पर बंद हुआ। इस कीमत पर, सरकार की 26.12 फीसदी हिस्सेदारी का मूल्य 9,600 करोड़ रुपए से अधिक है। जबकि कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 1333 रुपए के साथ दिन के उच्च स्तर पर भी गया था, जबकि 1269.20 रुपए के साथ दिन का निम्न स्तर भी देखा था। वैसे कंपनी का शेयर 1287 रुपए पर खुला था।
Updated on:
14 Mar 2021 10:12 am
Published on:
14 Mar 2021 10:07 am
बड़ी खबरें
View Allबाजार
कारोबार
ट्रेंडिंग
