
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एसबीआई और आईसीआईसीआई के बाद अब एचडीएफसी को ‘टू बिग टू फेल’ लिस्ट में शामिल कर लिया है। दरअसल इसमें शामिल होने वाले बैंकों पर आरबीआई कड़ी नजर रखता है। इसका मकसद वित्तीय तंत्र को ढहने से बचाना होता है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक साल 2015 से हर अगस्त में इस श्रेणी में आने वाले बैंक के नाम जारी करता है। रिजर्व बैंक हर बैंक को सिस्टेमेटिक इमर्पोटेंट स्कोर (SIC) देता है जिसके आधार पर ऐसे बैंको का चयन होता है। एचडीएफसी बैंक के बाद अब इस श्रेणी में अब तीन बैंक हो गए हैं।
क्या है मकसद
इस श्रेणी में आने वाले बैंक पर आरबीआई कड़ी नजर रखता है। इसका मकसद वित्तीय तंत्र में किसी भी फेलियर के दौरान अनियमितता रोकना है। भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी बयान के मुताबिक इन बैंकों को अपनी कॉमन इक्विटी टायर-1 (CET1) को बढ़ाना होगा। इसकी शुरुआत 1 अप्रैल 2016 से हो गई है, जो 1 अप्रैल 2019 से पूरी तरह से लागू होगी। रिजर्व बैंक ने इस श्रेणी के बैंकों के लिए एक फ्रेमवर्क जुलाई 2014 में तैयार किया था।
आरबीआई हर साल जारी करता है लिस्ट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया साल 2015 से हर अगस्त में इस श्रेणी में आने वाले बैंक के नाम जारी करता है। रिजर्व बैंक हर बैंक को सिस्टेमेटिक इमर्पोटेंट स्कोर (एसआईसी) देता है जिसके आधार पर ऐसे बैंक को छांटा जाता है।
मार्केट कैप में आगे एचडीएफसी बैंक
मार्केट कैपटिलाइजेशन की बात करें एचडीएफसी बैंक ने पिछले दो सालों में आईसीआईसीआई बैंक को पीछे छोड़ दिया है। बीएसई के मुताबिक एचडीएफसी बैंक का मौजूदा मार्केट कैप आईसीआईसीआई बैंक से ज्यादा है। आईसीआईसीआई बैंक का मौजूदा मार्केट कैप 1.91 लाख करोड़ रुपए है जबकि एचडीएफसी बैंक 3.35 लाख करोड़ के पार है। जो कि आईसीआईसीआई बैंक से ज्यादा है।
Published on:
05 Sept 2017 12:10 pm
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