
जाने बीते दो दशक में आतंकी हमलों व सेना की कार्रवाइयों से शेयर बाजार पर कितनााा पड़ा असर
नई दिल्ली। गत 14 फरवरी को जैश-ए-मुहम्मद द्वारा सीआरपीएफ हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालकोट समेत तीन आतंकी अड्डों पर बम बरसाए जिसके बाद आज देशभर में लोग मोदी सरकार व भारतीन सेना को वाहवाही दे रहे हैं। पाकिस्तान पर इस एयरस्ट्राइक के बाद मंगलवार को भारतीय शेयर बाजर में भी इसका असर देखने को मिला। निवेशकों ने सतर्कता दिखाई जिसके बाद बीएसइ का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 240 अंक टूटकर 35,973 के स्तर पर बंद हुआ। जबकि एनएसई का निफ्टी भी 44 अंक टूटकर 10,835 के स्तर पर बंद हुआ। इसके पहले 14 फरवरी को भी पुलावाम अटैक के बाद निवेशकों में सतर्कता देखने को मिली।
सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान कैसा था बाजार का हाल
साल 2016 में भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक 1 के दौरान भी बाजार में गिरावट देखने को मिली थी। उस दौरान निफ्टी 154 अंक टूटकर व सेंसेक्स 465 अंक टूटकर बंद हुआ था। इसी बीच ध्यान देने वाली बात है कि सभी आतंकी हमले व सेना की जवाबी कार्रवाई के दौरान बाजार में गिरावट नहीं देखने को मिली है। पिछले दो दशकों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि बाजार में इन आतंकी हमलों व जवाबी कार्रवाईयों से कुछ खास असर नहीं पड़ा है।
कारगिल युद्ध व मुंबई अटैक के दौरान बाजार में रही थी तेजी
साल 1999 में कारगिल वॉर के दौरान भी सेंसेक्स व निफ्टी, दोनों में 33 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी। कुल तीन महीनों के वॉर के दौरान सेंसेक्स कुल 1,115 अंक उछला व निफ्टी 319 अंक उछला था। इसी तरह तब साल 2008 में मुंबई में आतंकी हमला हुआ था तो निवेशकों ने सभी चौंका दिया था। उस दौरान सेंसेक्स में 400 अंकों का उछाल देखने को मिला था जबकि निफ्टी में भी 100 अंकों का उछाल देखने को मिला था।
Published on:
26 Feb 2019 08:28 pm
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