17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में लिस्टेड होगी एलआईसी

एलआईसी से कम से कम 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार हिस्सेदारी कम करने में प्राइवेट इक्विटी प्लेयर्स को किया शामिल एलआईसी का 30 सितंबर को था 320 खरब रुपए का कुल निवेश परिसंपत्ति

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Feb 03, 2020

LIC to be listed in second half

LIC to be listed in second half of FY 2020-21

नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम ( एलआईसी ) में केंद्र सरकार अपनी कम से कम 10 फीसदी हिस्सेदारी कम करने के लिए इसे अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड करेगी। वित्त सचिव राजीव कुमार ने के अनुसार एलआईसी को अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में लिस्टेड किया जाएगा और कम से कम 10 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी जोकि एक मानदंड के अनुरूप है।"

यह भी पढ़ेंः-आयकर में 5 लाख की आय पर टैक्स फ्री विकल्प के फैसले पर अधिकतर लोग संतुष्ट

एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के संबंध में उन्होंने बताया कि इसके समय, तरीके और परिमाण पर अभी फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि उन्होंने बताया कि हिस्सेदारी कम करने में प्राइवेट इक्विटी प्लेयर्स को शामिल किया जाएगा और पब्लिक ऑपर पर भी ध्यान दिया जाएगा, लेकिन मानदंड के अनुसार यह 10 फीसदी से कम नहीं हो सकता है।

यह भी पढ़ेंः-मिडिल क्लास के अनुसार बजट से नहीं पैदा होंगी नौकरियां, सर्वे में सामने आईं कमियां

बाजार विनियामक सेबी के मानक के अनुसार, आईपीओ में 4,000 करोड रुपये से ऊपर की पोस्ट इश्यू वाली कंपनियों के लिए आवश्यक ऑफर कम से कम 10 फीसदी है। इसके बाद कंपनियां आईपीओ में हिस्सेदारी 25 फीसदी से कम करने वाली कंपनियों को न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी मानक का अनुपालन करने के लिए तीन साल का समय दिया जाएगा।

एलआईसी को सूचीबद्ध करने के संबद्ध विस्तृत जानकारी दिए बगैर कुमार ने बताया कि एलआईसी को बाजार में सूचीबद्ध करने के लिए कानून में बदलाव किया जाएगा और जरूरी बदलाव के लिए कानून मंत्रालय को सूचित किया जाएगा।

यह भी पढ़ेंः-बजट में साफ पानी, मेडिकल कॉलेज और सरोकार, लेकिन कहां है रोजगार

उधर, बजट में घोषणा की गई है कि आईडीबीआई से सरकार पूरी तरह बाहर होगी और यह एक निजी बैंक होगा। इस संबंध में कुमार से मिले संकेत के अनुसार, एलआईसी के सूचीबद्ध किए जाने से पहले सरकार आईडीबीआई से बाहर होगी। एलआईसी भारत का सबसे बड़ा वित्तीय संस्थान है, जिसका कुल निवेश परिसंपत्ति 30 सितंबर को 320 खरब रुपए था।