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महामारी साल के दौरान बाजार में धूम, निवेशक हुए मालामाल, आंकड़ों में जानिए सफलता की कहानी

मोदी काल के दौरान वित्त वर्ष 2020 में सेंसेक्स में देखने को मिला 14,693 अंकों की उछाल निफ्टी 50 भी कम नहीं, साढ़े सात महीनों में देखने को मिली 4652.95 अंकों की जबरदस्त तेजी निवेशकों को भी किया सबसे ज्यादा मालामाल, बीएसई के मार्केट कैप में 57 लाख करोड़ का इजाफा

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Saurabh Sharma

Nov 19, 2020

Market boom in epidemic year, investor become rich, know success story

Market boom in epidemic year, investor become rich, know success story

नई दिल्ली। 17 नवंबर 2020 को कोविड 19 वायरस एक साल का हो गया। अगर बात भारत की करें तो इसकी एंट्री मार्च में देखने को मिली थी। जहां पीएम नरेंद्र मोदी के लिए यह साल काफी टफ होने वाला था, लेकिन फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में इक्विटी की तेजी ने इसे काफी आसान बना दिया। नरेंद्र मोदी के अब तक पूरे प्राइम मिनिस्ट्रियल काल में 2020 का इक्विटी के लिहाज से यह दौर यादगार कहा जाए तो कम नहीं होगा। सेंसेक्स नई उंचाई पर है। निफ्टी 50 अब तक के पीक पर दिखाई दे रहा है। वहीं इंवेस्टर्स को भी कमाई हुई है। आइए आपको भी आंकड़ों से समझाने का प्रयास करते हैं शेयर बाजार की सफलता की कहानी।

सेंसेक्स रिकॉर्ड तेजी
कोविड काल में सेंसेेक्स जितना तेजी के साथ उछला है, उतना तो प्री कोविड काल यानी 2014 से लेकर 2019 तक नहीं भी देखा गया। बांबे स्टॉक एक्सचेंज से मिले आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2014 से लेकर 17 नवंबर तक प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में 21,774.89 अंकों की तेजी देखने को मिली। जबकि अप्रैल 2020 से लेकर 17 नवंबर 2020 तक सेंसेक्स 14,692.67 की तेजी देखने को मिली। इसका मतलब यह हुआ कि कुल बढ़त का वित्त वर्ष 2020-21 के शुरुआती साढ़े सात महीने में 67.47 फीसदी की तेजी आई है। वित्त वर्ष 2015 इकलौता ऐसा काल है, जिस दौरान शुरूआती साढ़े सात महीने में सेसेंक्स को 2009.29 अंकों का नुकसान हुआ है।

निफ्टी 50 रिकॉर्ड उंचाई पर
जानकारों की मानें तो दुनिया भर के सभी सूचकांकों का परफॉर्मेंस देखें तो निफ्टी 50 का प्रदर्शन सबसे बेहतरीन कहा जाएगा। खासकर इस महामारी काल में। इस बात को साबित करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों पर नजर घुमाना काफी जरूरी है। पहले बात कोरोना काल के फाइनेंशयिल ईयर की। इस वित्त वर्ष के शुरूआती साढ़े सात महीनों में निफ्टी में 4652.95 अंकों बड़ा उछाल देखने को मिला। जबकि 2014 से अब तक निफ्टी में 6229.85 अंकों की तेजी देखने को मिल चुकी है। मतलब साफ है कि कुल तेजी का 75 फीसदी उछाल इस साल के शुरूआती महीनों में देखने को मिला। इन सात सालों में 2015 ही ऐसा साल रहा है जिसमें समान अवधि के दौरान निफ्टी में 630.55 अंकों की गिरावट देखने को मिली है।

निवेशक हुए मालामाल
जानकारों और कई रिपोर्ट में यह बात साबित हो चुकी है कि कोरोना काल में शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट करने वालों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। मार्च में आई बाजार में गिरावट का फायदा देश के आम निवेशकों ने अप्रैल के बाद उठाया। इसका एक कारण यह भी था कि देश में पूरी तरह से सख्त लॉकडाउन अप्रैल के महीने में लगा था। घर में बैठकर लोगों ने ऑनलाइन तरीके से निवेश किया। जिसके बाद बाजार में तेजी आई। अप्रैल से लेकर 17 नवंबर तक बीएसई का मार्केट कैप 170 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया था। इस दौरान मार्केट में 57,07,541.25 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी देखने को मिली। जबकि मोदी ऐरा में 2014 से अब तक 96,41,001.75 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। कुल इजाफे का 2020 के शुरुआती साढ़े सात महीनों में 59.14 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2018 में समान अवधि के दौरान 5689.10करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। जबकि 2015 में ज्यादा प्रोफिट बुकिंग के कारण समान अवधि में 4,39,219.93 करोड़ रुपए मौर्केट कैप कम हो गया।

क्या कहते हैं जानकार
कमोडिटी और शेयर बाजार के जानकार अजय केडिया के अनुसार शेयर बाजार की शुरुआत पिछले साल के आखिर में कॉरपोरेट टैक्स को कम करने के साथ हो गई थी। जिसके बाद शेयर बाजार जनवरी 2020 में अपने पीक पर आ गया था। उसके बाद कोविड का दौर शुरू हुआ और शेयर बाजार में गिरावट आनी शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि इस दौर में केंद्र सरकार द्वारा ऐसे फैसले काफी काम जिसकी वजह से विदेशी निवेश आना शुरू हुआ। गूगल से लेकर फेसबुक, इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों ने भारत में काफी निवेश किया। कोरोना काल में जितना रुपया भारत में आया है, उतना तो कभी नहीं आया। जिसकी वजह से शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है।