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Russian-Saudi Tension: 25 फीसदी टूटे कच्चे तेल के दाम, पांच साल के निचले स्तर पहुंचे

Published: Mar 10, 2020 09:27:38 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

इतिहास में पहली बार देखने को मिली कच्चे तेल की कीमतों में इतनी कटौती
11 जनवरी से अब तब 50 फीसदी से ज्यादा टूट चुके हैं कच्चे तेल के दाम?
ब्रेंट क्रूड ऑयल करीब 34 डॉलर और डब्ल्यूटीआई करीब 26 डॉलर पर पहुंचे

नई दिल्ली। Russian-Saudi Tension के बीच आज क्रूड ऑयल के दाम में एतिहासिक एकदिनी कटौती देखने को मिली है। आंकड़ों के अनुसार क्रूड ऑयल के दाम में 25 फीसदी तक दाम गिर चुके हैं। जबकि शुक्रवार के कारोबारी सत्र के दौरान क्रूड ऑयल के दाम में 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी। यानी दो दिनों में क्रूड ऑयल के दाम में करीब 35 फीसदी तक दाम गिर चुके हैं। जिसकी वजह से क्रूड ऑयल के दाम पांच साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुके हैं। वहीं इस साल मात्र तीन महीने में क्रूड ऑयल के दाम में 50 फीसदी से ज्यादा की कटौती देखने को मिल चुकी है। इससे पहले 2014 में 45 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। आइए आपको भी बताते हैं कि क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट क्यों देखने को मिल रही है।

Russian-Saudi Tension बना सबसे बड़ी वजह
Russian-Saudi Tension क्रूड ऑयल के दाम में कटौती का सबसे बड़ी रीजन बना है। वास्तव में ओपेक ने कोरोना वायरस की वजह से 12 लाख बैरल प्रति दिन के हिसाब से जो कटौती का प्रस्ताव रखा था उसे रूस ने मानने से इनकार कर दिया है। जिसकी वजह से ओपेक और रूस के बीच टेंशन बढ़ गई है। ओपेक प्रतिनिधित्व सउदी अरब करता है। ऐसे में दोनों देश आपस में अड़े हुए हैं। जिसकी वजह से क्रूड ऑयल के दाम में प्रेशर देखने को मिला है। इसका पहली बार असर बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार कको देखने को मिला था। जब 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी।

कोरोना वासरस का असर
वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस की वजह से ग्लोबल डिमांड काफी कम है। रिपोट्र्स आ रही हैं कि डब्ल्यूअीआई की डिमांड फरवरी में काफी कम देखने को मिली है। इसका कारण कोरोना वायरस ही है। पहले चीन फिर अमरीका, हांगकांग, कोरिया, यूरोप के देशों में फैलने के बाद भारत में भी दस्तक दे चुका है। जिसकी वजह से क्रूड की साप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हुई है। प्रोडक्शन कम होने के बावजूद भी डिमांड नहीं बढ़ पा रही है। जिसकी वजह से क्रूड ऑयल के दाम में रशियन टेंशन को छोड़ 35 फीसदी दाम कम हो चुके हैं। जानकारों की मानें तो रशियन टेंशन खत्म होने के बाद भी कोरोना का असर क्रूड ऑयल के दाम में आगे भी देखने को मिल सकता है।

ऐतिहासिक एकदिनी कटौती
क्रूड ऑयल के दाम में 25 फीसदी तक की कटौती देखने को मिल चुकी है। क्रूड ऑयल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जबकि एक दिन में क्रूड ऑयल के दाम में 25 फीसदी की कटौती देखने को मिली हो। आंकड़ों की मानें तो डब्ल्यूटीआई मौजूदा समय में 25.90 फीसदी की कटौती यानी 10.69 डॉलर की गिरावट के साथ 30.59 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। वहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल की बात करें तो इसमें मौजूदा समय में 25.12 फीसदी की कटौती यानी 11.37 डॉलर की गिरावट के साथ 33.90 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं।

2 महीने में 50 फीसदी कम हुए क्रूड ऑयल के दाम
वहीं बात पूरे साल की करें तो बीते दो महीने में क्रूड ऑयल के दाम में 50 फीसदी से ज्यादा की कटौती देखने को मिल चुकी है। आठ जनवरी 2020 को क्रूड ऑयल के दाम 71.75 डॉलर प्रति बैरल तक आए थे। उसके बाद से लगातार क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट देखने को मिल रही है। 2008 में पहली बार 53 फीसदी से ज्यादा गिरावट देखने को मिली थी। उस दौरान क्रूड ऑयल 145.31 डॉलर प्रति बैरल तक क्रूड ऑयल के दाम आ गए थे। जिसके बाद 53.52 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। दाम 44.60 डॉलर प्रति बैरल पर लेकर आए गए थे। उसके बाद 2014 में क्रूड ऑयल की कीमत में 45.55 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी।

पेट्रोल और डीजल के दाम में होगी गिरावट
एजेंल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेेंट ( कमोडिटी एंड रिसर्च ) अनुज गुप्ता ने बताया कि क्रूड ऑयल के दाम करीब 5 साल के निचले स्तर पर आ गए हैं। वहीं क्रूड ऑयल के दाम में 2008 की मंदी के बाद पहली बार देखने को मिली है। जिसकी वजह से आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में और कटौती देखने को मिलेगा। 5 रुपए प्रति लीटर दाम और कम होने की संभावना दिखाई दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि रुपए पर भी डिपेंड करेगा कि उसकी चाल किस तरह की रहती है। मौजूदा समय में रुपया भी 74 रुपए पर पहुंच गया है। हम डॉलर में क्रूड ऑयल की पेमेंट करते हैं। ऐसे में डॉलर 70 से नीचे रहना काफी जरूरी है। जो थोड़ा मुश्किल लग रहा है।

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