सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर अपने इस फैसले के बारे में जानकारी दी है । विभिन्न औद्योगिक संगठनों के आग्रह के बाद सेबी ने ये फैसला लिया है। आपको बता दें कि सेबी द्वारा आईपीओ या राइट्स इश्यू के लिए मिले ‘ऑब्जर्वेशन’ 12 महीने के लिए वैलिड होते हैं। आईपीओ ( IPO ), एफपीओ ( FPO) या राइट्स इश्यू पेश करने के लिए सेबी से ‘ऑब्जर्वेशन’ हासिल करना अनिवार्य होता है।
6 महीने आगे बढ़ी वैधता-
सेबी ( SEBI ) ने कहा कि जिन कंपनियों के आईपीओ या राइट्स इश्यू को मिली वैधता 1 मार्च 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच खत्म हो रही है, उन्हें अगले छह माह तक के लिए एक्सटेंड किया जा रहा है। यानि कंपनियों को अपने इश्यू के लिए छह महीने का अतिरिक्त समय मिल गया है। इसके अलावा जिन भी कंपनियों की आईपीओ इश्यू करने की याचिका सेबी के पास जमा है, उन्हें अपने फ्रेश इश्यू साइज को 50 फीसदी तक घटाने या बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए कंपनी को अलग से नया मसौदा दायर नहीं करना होगा। फ्रेश इश्यू साइज पर मिलने वाली रियायत सिर्फ 31 दिसंबर 2020 तक के लिए मान्य इश्यूज पर ही लागू होती है। सेबी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के असर को देखते हुए उसने एकमुश्त राहत देने का फैसला किया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
लिखित इजाजत होगी जरूरी- हालांकि ये नियम तत्काल प्रबाव से लागू हो गया है लेकिन इसका फायदा उठाने क लिए कंपनियों को इश्यू के प्रमुख प्रबंधक से एक लिखित अनुमति लेनी होगी।