गिर सकती है सोने की बिक्री
मेहता ने बताया कि ऊंचे भाव पर मांग घटने और आयात शुल्क में वृद्धि होने के कारण बीते महीने सितंबर में सोने का आयात सितंबर महीने में घटकर 26 टन रह गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में भारत ने 81.71 टन सोने का आयात किया था। इस प्रकार पिछले साल के मुकाबले इस साल सितंबर में सोने का आयात 68.18 फीसदी घट गया।
आयात शुल्क में बढ़ोतरी का दिखेगा असर
सोने का आयात घटने की वजह पूछने पर मेहता ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने आयात शुल्क में वृद्धि कर दी, जिससे सोने का आयात महंगा हो गया। सरकार ने इस साल जुलाई में पेश किए गए वर्ष 2019-20 के आम बजट में महंगी धातुओं पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव ऊंचा होने से मांग कमजोर है। वहीं, घरेलू बाजार में त्योहारी मांग वैसी नहीं है जिस तरह विगत वर्षो में देखी जाती थी।
कम हो सकती है डिमांड
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “सोने में तीन तरह की मांग रहती है। पहली, शादी के सीजन की मांग, दूसरी त्योहारी मांग और तीसरी नियमित मांग। बाजार में तरलता के अभाव में नियमित मांग की हालत पहले से ही खराब है, वहीं भाव ऊंचा होने से लोग निवेश से भी घबराते हैं। इसके अलावा त्योहारी मांग भी कमजोर रहने वाली है।”
हो सकता है सुधार
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि पिछले महीने सोने की मांग कमजोर रहने की वजह यह भी थी कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव काफी ऊंचा हो जाने से घरेलू बाजार में भी सोना ऊंचे भाव पर चल रहा था, लेकिन हालिया गिरावट पर त्योहारी मांग में सुधार जरूर होगा। हालांकि उनका भी कहना है कि पिछले वर्षो की तरह इस साल सोने-चांदी की त्योहारी मांग नहीं रहेगी, क्योंकि भाव अभी भी काफी ऊंचा है। उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक मंदी का माहौल होने से भी सर्राफा बाजार में वैसी रौनक नहीं देखने को मिलेगी जैसी विगत वर्षो के दौरान दिखती थी।